रक्षक बना भक्षक | पुलिस जवान ने मजदूरों को लूटा, CCTV में कैद हुई वारदात

हरिद्वार [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] जब रक्षक पुलिस ही भक्षक बन जाए तो जनता किसपर भरोसा करे। मित्रता सेवा और सुरक्षा की बात करने वाली उत्तराखंड पुलिस के एक जवान की करतूत ने पूरे पुलिस महकमे पर सवालिया निशान लगा दिया है। दरअसल हरिद्वार बस अड्डे में तैनात पुलिस जवान मनीष रावत ने चार नेपाली मजदूरों
 

हरिद्वार [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] जब रक्षक पुलिस ही भक्षक बन जाए तो जनता किसपर भरोसा करे। मित्रता सेवा और सुरक्षा की बात करने वाली उत्तराखंड पुलिस के एक जवान की करतूत ने पूरे पुलिस महकमे पर सवालिया निशान लगा दिया है।

दरअसल हरिद्वार बस अड्डे में तैनात पुलिस जवान मनीष रावत ने चार नेपाली मजदूरों को लूट लिया। ये पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद हो गया, जिसके बाद एसएसपी कृष्णकुमार वीके ने कांस्टेबल को निलंबित करके उसके खिलाफ लूट का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

जानकारी के अनुसार हिमाचल रोडवेज की बस से चार नेपाली मजदूर नंदा कार्की अपने दो बेटे प्रकाश कमल और साथी खेम बहादुर अधिकारी शुक्रवार रात हरिद्वार स्टेशन पहुंचे। यहां पहुंचकर मजदूर रूपैड़िया जाने वाली बस का इंतजार करने लगे। नंदा कार्की ने बताया कि इस दौरान पुलिस का एक सिपाही वहां आकर उनके साथी से पुछताछ कर तलाशी लेने लगा। तलाशी के दौरान खेम बहादुर की जेब में ब्लैड मिली। जिसके बाद सिपाही ने मौके पर ही खेम बहादुर को कई थप्पड़ मारे। चारों को पकड़कर स्टेशन से बाहर एक कमरे में बंद करके जमकर पीटा। और उनके पास मिले 56 हजार रुपये लेकर बाद में चारों को वहां से भाग जाने को कहा। मजदूरों के रोने पर उन्हें दस हजार रुपये देकर भगा दिया।

शनिवार दोपहर को मजदूर मायापुर पुलिस चौकी के समीप घूमते दिखे तो आरोपी सिपाही ने उन्हें 16 हजार रुपये देकर वहां से तुरंत निकलने को कहा। काफी भटकने के बाद  मजदूरों ने अपनी शिकायत बस स्टेशन कार्यालय में एक कर्मचारी को दी। कर्मचारी ने इसकी जानकारी मायापुर चौकी प्रभारी को दी। इसके बाद में मामला पुलिस के उच्चाधिकारियों तक पहुंचा।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि फोन से मामले की शिकायत मिलते ही मैंने मायापुर चौकी जाकर मामले को सुना। जिसके आधार पर आरोपी सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किये।

वहीं सिपाही की ये करतूत बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गयी, जिसके बाद पीड़ीतों की शिकायत पर आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई हुई।

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