जोशीमठ पर धामी सरकार के फैसले से हरदा भी खुश लेकिन इन मुद्दों पर जताई असहमति

हरीश रावत ने कहा-  मुख्यमंत्री जी, जोशीमठ को लेकर मंत्रिमंडल ने कुछ अच्छे निर्णय किये। मगर कर्ज वसूली को रोकना, तब तक अधूरा और कष्टदायक निर्णय है, जब तक कर्ज़ वसूली रोकने के समय का ब्याज माफ न करें और मनरेगा के तर्ज पर पीड़ितों को रोजगार का मुआवजा, मैं इस समझ से सहमत नहीं हूं।
 
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हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जोशीमठ पर धामी कैबिनेट के फैसलों पर खुशी तो जताई है लेकिन कुछ और मद्दों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान आकृष्ट किया है।

हरीश रावत ने कहा-  मुख्यमंत्री जी, जोशीमठ को लेकर मंत्रिमंडल ने कुछ अच्छे निर्णय किये। मगर कर्ज वसूली को रोकना, तब तक अधूरा और कष्टदायक निर्णय है, जब तक कर्ज़ वसूली रोकने के समय का ब्याज माफ न करें और मनरेगा के तर्ज पर पीड़ितों को रोजगार का मुआवजा, मैं इस समझ से सहमत नहीं हूं।

<a href=https://youtube.com/embed/pGg9jUUGoGs?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/pGg9jUUGoGs/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

हरदा ने कहा कि मनरेगा और आपदा सहायता, दोनों की मूल सोच भिन्न है। मनरेगा की दर तो ऊंट के मुंह में जीरा के यह समान होगी, इन दोनों विषयों पर फिर से विचार करें।

इससे पहले हरीश रावत ने जोशीमठ में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की थी। पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड के पास संसाधनों की काफी कमी है। ऐसे में केंद्र से राज्य को मदद की बेहद दरकरार है।

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उन्होंने कहा की कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से जोशीमठ आपदा को लेकर मुलाकात भी की थी और सरकार को कई सारे सुझाव भी दिए थे, जिनमें इन दो दिनों के अंदर राज्य सरकार द्वारा कुछ बदलाव देखने को मिले है।

हरदा ने आगे कहा- जिस प्रकार से वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में वहां के हर छोटे-बड़े व्यवसाई को नुकसान पहुंचाया था, उसकी भरपाई राज्य सरकार ने की थी, घोड़े व्यवसाई से लेकर होटल व्यवसाई तक को राज्य सरकार ने मुआवजे के परिधि में शामिल किया था, ताकि उनको भी राहत दी जा सके।

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पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जोशीमठ के पुनर्निर्माण के साथ वहां के लोगों को उचित मुआवजा दिए जाने को लेकर सरकार को एक मजबूत नीति बनानी होगी। साथ ही केंद्र सरकार से भी जोशीमठ के लिए बड़े पैकेज की मांग करनी चाहिए, ताकि जोशीमठ आपदा में मदद कर सके।