उत्तराखंड | हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- यूटेट व सीटेट में 50 फीसद अंकों की बाध्यता खत्म

नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट) नैनीताल हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, हाईकोर्ट ने टीईटी परीक्षा 50 फीसद अंकों के साथ पास करने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद हजारों अभ्यर्थियों के लिए इन पदों पर आवेदन का रास्ता खुल
 

नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट) नैनीताल हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, हाईकोर्ट ने टीईटी परीक्षा 50 फीसद अंकों के साथ पास करने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद हजारों अभ्यर्थियों के लिए इन पदों पर आवेदन का रास्ता खुल गया है। NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) ने गाइड लाइन जारी कर कहा था कि सहायक अध्यापक पद के लिए बीएड डिग्री धारकों को यूटीईटी-सीटीईटी में 50 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा, तभी वह शिक्षक पद के लिए पात्र होंगे। इसी गाइड लाइन के अनुसार राज्य सरकार की ओर से इसी साल मार्च में सहायक अध्यापक के पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की।

सरकार द्वारा नियुक्ति में 50 फीसद अंकों की बाध्यता को अभ्यर्थी नीतू पाठक व अन्य द्वारा याचिका दायर कर हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार द्वारा विज्ञप्ति में उल्लेखित शर्त कोर्ट के पूर्व में पारित आदेश के खिलाफ है। मामले को सुनने के बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 50 फीसद अंकों की बाध्यता को निरस्त कर दिया।

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