केदारनाथ त्रासदी | कोर्ट ने दिए लापता लोगों की फिर से तलाश करने के निर्देश

नैनीताल [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में लापता लोगों की फिर से तलाश करने को कहा है। अदालत ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) स्तर के पांच अफसरों की टीम गठित करें। इसके अलावा छह माह में चार धाम मार्गो के लिए
 

नैनीताल [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा में लापता लोगों की फिर से तलाश करने को कहा है। अदालत ने दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा कि इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) स्तर के पांच अफसरों की टीम गठित करें। इसके अलावा छह माह में चार धाम मार्गो के लिए मास्टर प्लान के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में यात्रियों की संख्या नियंत्रित करने के भी निर्देश दिए हैं।

दिल्ली के रहने वाले आचार्य अजय गौतम ने इस मामले में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि केदारनाथ आपदा में 3500 लोगों को लापता बताया गया है, जबकि सरकार केवल 450 शव ही खोज सकी है। 19 नवंबर 2016 को याचिका पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायाधीश आलोक सिंह की खंडपीठ ने सरकार को लावारिस शवों के दाह संस्कार कराने के निर्देश दिए थे। इस बारे में राज्य सरकार ने न्यायालय में शपथ पत्र प्रस्तुत कर स्पष्ट किया कि आपदा में करीब चार हजार लापता हुए थे और अब तक 678 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है।

बुधवार को मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिए कि पांच अफसरों की टीम एक बार फिर केदार घाटी का निरीक्षण करे और मिलने वाले शवों का डीएनए सुरक्षित रख रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करें।

साथ ही अदालत ने आदेश दिए कि देवप्रयाग, सोनप्रयाग, ऋषिकेश, बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग और गोपेश्वर में अतिक्रमण को चिह्नित कर छ: माह मास्टर प्लान बनाया जाए। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार से अदालत के महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों पर निर्धारित समयावधि में क्रियान्वयन करेगी।

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