नयना देवी मंदिर में बकरे ले जाने की अनुमति, बलि पर रोक

नैनीताल में नन्दा देवी महोत्सव से ठीक पहले बलि प्रथा के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने भक्तों को मंदिर परिसर तक पूजा के लिए बकरे को ले जाने की अनुमति दे दी है। लेकिन मंदिर परिसर में बकरों की बलि नहीं होगी। नैनीताल के कैलाखान निवासी जेपी साह ने
 

नैनीताल में नन्दा देवी महोत्सव से ठीक पहले बलि प्रथा के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने भक्तों को मंदिर परिसर तक पूजा के लिए बकरे को ले जाने की अनुमति दे दी है। लेकिन मंदिर परिसर में बकरों की बलि नहीं होगी।

नैनीताल के कैलाखान निवासी जेपी साह ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि संविधान के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म की मान्यता के अनुसार उपासना का अधिकार प्राप्त है। सनातन परंपरा में देवी पूजा में बलि प्रथा चली आ रही है। इसलिए परंपरा का निर्वहन करने दिया जाए।

याचिकाकर्ता ने कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से बकरों का मंदिर में प्रवेश रोक दिया जाता है। इससे परंपरा का निर्वाह नहीं हो पा रहा है। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश का अनुपालन करने को तैयार हैं, जिसमें सार्वजनिक स्थान पर बलि पर रोक लगाकर सल्टर हाउस में बलि देने का उल्लेख है।

जिस पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की खंडपीठ ने बकरे को पूजा के लिए मंदिर में ले जाने की अनुमति प्रदान कर दी।