बागियों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, कोर्ट का स्टे से इंकार

नैनीताल हाईकोर्ट से कांग्रेस के बागियों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस यूसी ध्यानी की सिंगल बेंच ने बागी विधायकों की ओर से सस्पेंड किए जाने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर स्टे से इनकार किया है। बागी नेताओं ने हाईकोर्ट की एकलपीठ में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के उनकी सदस्यता समाप्त करने के फैसले
 

नैनीताल हाईकोर्ट से कांग्रेस के बागियों को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस यूसी ध्यानी की सिंगल बेंच ने बागी विधायकों की ओर से सस्पेंड किए जाने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर स्टे से इनकार किया है। बागी नेताओं ने हाईकोर्ट की एकलपीठ में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के उनकी सदस्यता समाप्त करने के फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 1 अप्रैल की तारीख तय की है। गौरतलब है कि स्पीकर ने दल बदल निरोधी कानून के तहत कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने का फैसला दिया था। जिस पर बागी नेताओं का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष ने बिना उनकी बात सुने उनकी सदस्यता समाप्त करने का फैसला सुना दिया था। (पढ़ें-उत्तराखंड में सत्ता के लिए IB, CBI का इस्तेमाल कर रही है BJP : हरीश रावत)

हालांकि कोर्ट से आज हरीश रावत और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। नैनीताल हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कोर्ट ने हरीश रावत को 31 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका दिया था। (पढ़ें-#Uttarakhand विधानसभा में कल होने वाले शक्ति परीक्षण पर रोक)