पीएम मोदी ने आज उत्तराखंड को दी 17500 करोड़ की 23 परियोजनाओं की सौगात

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कुमाऊं की जनता को 17500 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है।  पीएम मोदी ने 23 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। 
 

हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कुमाऊं की जनता को 17500 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है।  पीएम मोदी ने 23 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत कुमाऊंनी भाषा से की। इससे पहले पीएम ने मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रात, तीरथ सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, रानी राज लक्ष्मी, मंत्री रेखा आर्य, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, बंशीधर भगत, अजय टम्टा का नाम लेकर उनका धन्यवाद अदा किया।

पीएम मोदी ने कहा उत्तराखंड के बहुत आभाव झेला है। उत्तराखंड के जाे युवा अपना रोजगार करना चाहते हैं उनके साथ हमारी डबल इंजन की सरकार खड़ी है। बिना गारंटी आसानी से लोन मिल रहा है। विपक्षी सेना और हमारे वीरों का अपमान करने से भी नहीं चूके हैं। कहा कि आपके सपने हमारे संकल्प हैं, आपकी इच्छा हमारी प्रेरणा है और आपकी हर जरूरत का पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कुमाऊंनी बोली में जनसभा में मौजूद लोगों को नए साल और मकर संक्राति पर मनाए जाने वाले घुघुति पर्व की बधाई दी।

लोकार्पण

1. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 पर नगीना से काशीपुर कुल 99 किलोमीटर में सड़क का चौड़ीकरण : इस पर कुल  2536 करोड़ रूपये की लागत आई है। इसमें 6 बड़े ब्रिज, 19 छोटे ब्रिज, 2 रेलवे ओवरब्रिज और 36 अंडरपास बनाए गए हैं। इससे यात्रियों को आने जाने में समय व ईंधन की बचत होगी। ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। क्षेत्र में पर्यटन, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। इससे रोजगार के अवसरों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बढ़ोतरी होगी।

2. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड़ पर च्युरानी से ऐंकोली 32 किलोमीटर मे सड़क चौड़ीकरण : ऑल वेदर रोड़ प्रोजेक्ट के अंतर्गत इस पर 284 करोड़ रूपए की लागत आई है। इस मार्ग के निर्माण से जनपद पिथौरागढ़ की चीन से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा में सैन्य आवागमन की सुलभता के साथ-साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी ऑलवेदर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।

3. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड़ पर बिलखेत से चम्पावत-29 किलोमीटर मे सड़क चौड़ीकरण : इस पर 267 करोड़ रूपए की लागत आई है। इस मार्ग के निर्माण से भी जनपद पिथौरागढ़ की चीन से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा में सैन्य आवागमन की सुलभता के साथ-साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी ऑलवेदर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।

4. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड़ पर तिलोन से च्युरानी-28 किलोमीटर मे सड़क चौड़ीकरण : इस पर 233 करोड़ रूपए की लागत आई है। राज्य के दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा। इसका सामरिक महत्व के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा की दृष्टि से भी महत्व है।

5. सुरिनगाड फेज- II जलविद्युत परियोजना : मुन्स्यारी, पिथौरागढ़ में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम की रन ऑफ रिवर परियोजना‘सुरिनगाड फेज- II जलविद्युत परियोजना’ का निर्माण किया गया है। 5 मेगावाट विद्युत क्षमता की इस परियोजना पर 50 करोड़ रूपए की लागत आई है। इससे विद्युत उत्पादन के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।


6. नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत 50 करोड़ रुपए की लागत से रामनगर, नैनीताल में सीवरेज कार्य :  नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत 50 करोड़ रुपए की लागत से रामनगर, नैनीताल में 7 एमएलडी और 1.5 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट एवं तत्सम्बन्धी कार्यो का निर्माण किया जा चुका है, जिसके अन्तर्गत 06 नालो को टैप कर इन्हें निर्मित एसटीपी से जोड़ा गया है। इससे कोसी नदी को प्रदूषित होने से रोका गया है।

शिलान्यास

1. लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की दृढ़ इच्छा शक्ति से दशकों से लम्बित राष्ट्रीय महत्व की परियोजना लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना अब साकार होने जा रही है। इसके जलाशय में 330 मिलियन क्यूबिक मीटरसंचित जल से उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्यों को सिंचाई एवं पीने के पानी की आपूर्ति होगी। साथ ही यमुना नदी के पुनरूद्धिकरण की दिशा में प्रगति होगी। लगभग 33 हजार 780 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई होगी। इस परियोजना से 300 मेगावाट जलविद्युत का भी उत्पादन होगा। परियोजना की कुल लागत 5747 करोड़ रूपए है। इससे ऊपरी यमुना क्षेत्र के विकास के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

2. मुरादाबाद-काशीपुर 4 लेन रोड : कुल 4002 करोड़ रूपए की लागत से 85.3 किलोमीटर लम्बाई की 4 लेन मुरादाबाद-काशीपुर रोड राज्य के कुमांयू व गढ़वाल की कनैक्टीविटी को मजबूत करेगी। कार्बेट जाने में इससे 1.5 घंटे की बचत होगी। इसमें मुरादाबाद एवं काशीपुर बाईपास इस हाईवे पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित करेगा। राज्य के कुमांऊ व तराई क्षेत्र के लिए यह एक बडी देन है।

3. जल जीवन मिशन के तहत 73 जलापूर्ति योजनाएं : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा हर घर को नल से जल के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना 15 अगस्त, 2019 को प्रारम्भ की गई है। उत्तराखण्ड में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2023 तक हर ग्रामीण घर को नल से जल उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें बहुत तेजी से कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 15 लाख 18 हजार ग्रामीण घरों के सापेक्ष 7 लाख 50 हजार से अधिक घरों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। शेष को भी निर्धारित समय से पानी का कनेक्शन देने के लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे है। इसी के तहत 13 जिलों में 73 पम्पिंग पेयजल योजनाओं का शिलान्यास किया गया है, जिसकी कुल लागत 1250 करोड़ है, इन योजनाओं के निर्माण उपरान्त प्रदेश के 1 लाख 33 हजार ग्रामीण परिवार लाभान्वित होंगे। पर्वतीय जनपदों में ऊंचाई के क्षेत्र में पम्पिंग द्वारा पेयजल आपूर्ति पश्चात् ग्रामीणों का श्रम एवं समय की बचत होगी तथा पेयजल की उपलब्धता से पलायन की समस्या का भी समाधान होने के साथ होम स्टे में रोजगार के अवसर में वृद्धि होगी।

4. पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 133 सड़कों का डामरीकरण : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेशनल हाईवे के निर्माण के साथ-साथ गांवों को भी सड़क मार्ग से जोड़ने का काम किया गया है। डबल इंजन सरकार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में उत्तराखण्ड में उल्लेखनीय कार्य हुए है। पी.एम.जी.एस.वाई के तहत कुल 627 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश में 133 सड़कों का डामरीकरण किया जायेगा। इनकी कुल लम्बाई 1157 किलोमीटर होगी। इससे निश्चित तौर पर राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

5. एम्स का सैटेलाइट सेंटर : ऊधमसिंहनगर में लगभग 500 करोड़ रूपये की लागत से एम्स का सैटेलाईट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यह उत्तराखण्ड को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की एक बड़ी सौगात है। ऊधमसिंहनगर में एम्स के सैटेलाईट सेंटर से राज्य के कुमांऊ व तराई क्षेत्र के लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एम्स ऋषिकेश, यहां के लोगों के लिए दूर पड़ता है। साथ ही उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी आने वाले जन-सामान्य को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल पायेगा।

6. जगजीवन राम राजकीय मेडिकल कालेज, पिथौरागढ़ :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार के समय राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी विस्तार हुआ है। सरकार की कोशिश है कि राज्य के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों तक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे। इसी क्रम में 455 करोड़ रूपए की लागत से जनपद पिथौरागढ़ में जगजीवन राम राजकीय मेडिकल कालेज बनाया जा रहा है।

7. पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 151 सेतु का निर्माण : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 151 सेतु बनाए जाएंगे। इन सभी कार्यों को सितम्बर, 2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। इन सेतुओं के निर्माण के फलस्वरूप निर्मित मार्गों पर बारहमासी यातायात की सुविधा में वृद्धि होगी। इससे प्रदेश की ग्रामीण कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

8. हरिद्वार व नैनीताल में जलापूर्ति योजनाएं : विश्व बैंक कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत पैरी अरबन क्षेत्रों हेतु हरिद्वार के जगजीतपुर, बहादराबाद व ढ़ढेरा जलापूर्ति योजना से 14 हजार 496 उपभोक्ता कनैक्शन दिये जाएंगे और 1,03,080 जनसंख्या लाभान्वित होगी। इससे मानको के अनुरुप क्वॉलिटी पानी की सतत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसी प्रकार हल्द्वानी (नैनीताल) में गौजाजाली उत्तर जलापूर्ति योजना से 2 हजार 423 प्राइवेट उपभोक्ताओं को पानी के कनेक्शन दिये जाएंगे, जिससे 12 हजार 408 जनसंख्या लाभान्वित होगी। इससे मानकों के अनुरूप  24X7 क्वालिटी जल की सत्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

9. नमामि गंगे के अंतर्गत जनपद ऊधमसिंहनगर में नदी पुनरुद्धार :  ऊधमसिंहनगर में 6 स्थानीय नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए 9 एस.टी.पी. नमामि गंगे कार्यक्रम में स्वीकृत किये गये है, जिसके अन्तर्गत 17 नालों को टेप करके दूषित जल को इन एस.टी.पी. के द्वारा शोधित किया जाएगा। इस योजना में काम्प्रीहेन्सिव को-ट्रीटमेंट और स्लज ट्रीटमेंट सुविधा युक्त एस.टी.पी. का निर्माण किया जा रहा है, जो कि उत्तराखण्ड में इस प्रकार का पहला प्रोजेक्ट है। इसके अतिरिक्ति दूरवर्ती क्षेत्रों में 3 पैकेज्ड एस.टी.पी. भी स्थापित किये जाएंगे। इस पर कुल लागत 199 करोड़ रूपए आएगी।

10. प्रधानमंत्री आवास योजना में 2424 आवासीय इकाइयों का निर्माण : आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एवं आवास विभाग उत्तराखण्ड सरकार की उत्तराखण्ड जनआवास योजना के अंतर्गत जिला उधमसिंह नगर के सितारगंज में 1168 आवास एवं काशीपुर में 1256 आवास कुल 2424 आवास अल्प आय वर्ग हेतु बनाए जा रहे हैं। उक्त आवासों के निर्माण में कुल रू. 171 करोड़ की लागत आयेगी। आगामी 02 वर्षों में यह आवास आवंटियों को निवास हेतु उपलब्ध हो जायेंगे। उक्त योजना में प्रति आवास मात्र रू0 6 लाख मूल्य के सापेक्ष प्रत्येक लाभार्थी को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत रू. 1 लाख 50 हजार तथा उत्तराखण्ड जनआवास योजना अंतर्गत रू. 1 लाख कुल रू. 2 लाख 50 हजार का अनुदान प्राप्त होगा। शेष रू. 3 लाख 50 हजार लाभार्थी द्वारा 02 वर्षों में निर्माण की प्रगति के सापेक्ष भुगतान किया जाना होगा। लाभार्थी के अंशदान हेतु बैंकों द्वारा गृह ऋण की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। इन परियोजनाओं में गेट बन्द कॉलोनी के साथ-साथ, सड़क, नाली, सीवर शोधक संयन्त्र, सामुदायिक सुविधायें, विद्युत एवं स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। इन परियोजनाओं के निर्माण से 2424 दुर्बल आय वर्ग के परिवारों का अपने घर का सपना पूर्ण हो सकेगा।

11. एरोमा पार्क : सगंध क्षेत्र के कृषकों की उपजों को स्थानीय स्तर पर बेहतर बाजार उपलब्ध कराने और उद्योगों को उनकी आवश्यकानुसार एकीकृत सुविधा उपलब्ध कराने के लिएसिडकुल द्वारा काशीपुर में 41 एकड़ में एरोमा पार्क विकसित किया जा रहा है। एरोमा पार्क में परीक्षण प्रयोगशाला सी.ई.टी.पी., लॉजिस्टिक एवं पार्किंग की सुविधाओं के साथ विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। 35 करोड़ रूपए की लागत से 6 माह में एरोमा पार्क का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा।  एरोमा पार्क में 300 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की सम्भावना है, जिससे 2500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार का अवसर उपलब्ध होने के साथ राज्य के सगंध कृषकों को अपनी उपज का उचित बाजार उपलब्ध होगा।

12. नैनीताल में सीवरेज कार्य : प्रदेश के मुख्य पर्यटन नगरों में से एक नैनीताल शहर में रू. 77 करोड़ 58 लाख लागत की इस परियोजनामें 3.04 कि.मी. सीवर लाइन तथा 17.5 एम.एल.डी के सीवर शोधन संयंत्र के निर्माण से लगभग 50 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी। इस परियोजना के निर्माण से नैनीताल झील को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। पर्यावरणीय दृष्टि से भी उपयोगी इस परियोजना के अन्तर्गत सीवर शोधन संयंत्र से प्राप्त शोधित जल को सिंचाई हेतु भी उपयोग किया जा सकेगा।

13. प्लास्टिक पार्क : भारत सरकार द्वारा घरेलू डाउन स्ट्रीम प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योगों की क्षमताओं को समेकित करने के लिए आवश्यकता आधारित प्लास्टिक पार्क योजना लागू की गई है। इसी के तहत सितारगंज में 40 एकड़ में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क स्थापित किया जा रहा है। लगभग 66 करोड़ की लागत से इसमें आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। एक साल में इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। यहां लगभग 250 करोड़ रूपये के निवेश की सम्भावना है, जिससे 2500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

14. मदकोटा से हल्द्वानी सड़क सुदृढिकरण : केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अन्तर्गत गदरपुर-दिनेशपुर- मदकोटा- हल्द्वानी मोटरमार्ग (राज्य मार्ग सं.-5) को गदरपुर से हल्द्वानी तक दो-लेन पेव्ड शोल्डर सहित चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य हेतु 21.640 कि.मी. लम्बाई में रू. 58.06 करोड़ की लागत से निर्मित किया जा रहा है। यह मार्ग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख मैदानी नगरों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। पर्यटन स्थल नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ, कैलाश मानसरोवर आदि दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मार्ग के चौडीकरण से सिड़कुल इण्डस्ट्रीयल एरिया रूद्रपुर व इण्डस्ट्रीयल एरिया लालकुआ प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। साथ ही प्रस्तावित अमृतसर इकोनोमिक इण्डस्ट्रीयल कोरीडोर के लिए भी प्रमुख मार्ग के रूप में कार्य करेगा।

15. किच्छा से पंतनगर सड़क सुदृढ़िकरण : केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अन्तर्गत जनपद ऊधमसिंहनगर में नगला-किच्छा राज्य मार्ग संख्या-44 (किच्छा पन्तनगर मोटर मार्ग) का दो-लेन में पेव्ड शोल्डर सहित चौड़ीकरण एवं सुद्वढीकरण के कार्य हेतु 17.700 कि.मी. लम्बाई में रू. 53 करोड़ 73 लाख की लागत से स्वीकृत है। यह मार्ग सिड़कुल इण्डस्ट्रीयल एरिया व इण्डस्ट्रीयल एरिया लालकुॅआ को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करेगा। साथ ही प्रस्तावित अमृतसर इकोनोमिक इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए प्रमुख मार्ग के रूप में कार्य करेगा।

16. किच्छा बाईपास : ऊधमसिंह नगर जिले में खटीमा बाईपास, कुमराहा गांव से प्रारम्भ होकर कुटारी गांव तक बनेगा। इस पर 1 बड़ा व 3 छोटे पुल प्रस्तावित हैं। 53 करोड़ की लागत से खटीमा बाईपास के निर्माण से यात्रियों के समय व ईंधन की बचत होगी। पिथौरागढ़ से बेहतर कनैक्टीविटी होगी। क्षेत्र का आर्थिक विकास होने से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। नेपाल से कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।

 

  • 17. एशियन हाईवे के अंतर्गत नेपाल से कनेक्टीवीटी : एशियन हाईवे के अन्तर्गत नेपाल के साथ कनैक्टीविटी बढ़ाने के लिए 3.86 कि.मी. से लगभग 177 करोड़ रूपए की लागत से 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 109 डी) का निर्माण किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 02 वी.यू.पी., 01 एल.यू.वी.पी., 01 बड़ा ब्रिज कम अंडरपास व 01 आर.ओ.बी का निर्माण किया जाएगा। इससे उत्तराखण्ड व नेपाल में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और बिना बाधा के यातायात व वस्तुओं का परिवहन होगा। इससे नेपाल के साथ आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और आपसी संबंध और भी मजबूत होंगे।