भिखारी अपने हिस्से में से रोज देता था खाना, ऐसे चुकाया कुत्तों ने कर्ज

हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट)बेजुबान जानवर भी मदद का महत्व समझते हैं।40 साल के एक मानसिक रूप से बीमार अज्ञात युवक के अंतिम समय में अपना कोई नहीं था। बेजुबान उसके शव को काफी देर तक घेरकर बैठे रहे जिन्हें वह अपने खाने के हिस्से से कुछ न कुछ दिया करता था। भीख मांगकर गुजारा करता था। जिस
 

हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट)बेजुबान जानवर भी मदद का महत्व समझते हैं।40 साल के एक मानसिक रूप से बीमार  अज्ञात युवक के अंतिम समय में अपना कोई नहीं था। बेजुबान उसके शव को काफी देर तक घेरकर बैठे रहे जिन्हें वह अपने खाने के हिस्से से कुछ न कुछ दिया करता था। भीख मांगकर गुजारा करता था।

जिस दिन जो मिला उसे कुत्तों को भी बांटता था। पुलिस आई, शव को ले गई तो बेजुबान भी भरी हुईं आंखें लेकर चले गए। यह कहानी उस अज्ञात की है जिसका शव मंगलवार की सुबह हल्द्वानी सरगम टॉकीज के पास मून गली रोड पर पड़ा मिला।शव को चारों ओर से कुत्तों के घेरने के कारण लोग पहुंचे तो हीरानगर चौकी पुलिस को सूचना दी।

चौकी प्रभारी निर्मल सिंह लटवाल ने बताया कि युवक की शिनाख्त कराने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली।कुत्तों के इकट्ठा होने के के कारण क्षेत्रीय लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि अक्सर वह बेजुबानों के साथ खेलता था। शिनाख्त नहीं होने पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा।

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