उत्तराखंड | बिजली कर्मचारियों को मुफ्त बिजली पर कोर्ट सख्त, मांगा जवाब
नैनीताल (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने और कर्मचारियों को मुफ़्त बिजली देने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए ऊर्जा निगम को विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।
याचिका में यूपीसीएल (UPCL) की गलत नीतियों की वजह से जनता पर भार पड़ने की बात कही गई है और इस गड़बड़झाले को दुरुस्त करने की मांग की गई है।राज्य में बिजली की दरों को बढ़ाने और बिजली विभाग के कर्मचारियों को मुफ़्त बिजली दिए जाने पर हाईकोर्ट ने गम्भीर रुख अपनाया है।
एक जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि इस मामले पर वह अपना जवाब दाखिल करे। इसके साथ ही यूपीसीएल को भी कोर्ट ने विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।कोर्ट ने इस मामले पर भी गम्भीर रुख अपनाया कि क्यों यूपीसीएल के एक जीएम के घर से बिजली की ही रीडिंग तक नहीं ली गई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि इतनी सुविधा तो जजों को भी नहीं मिलती है।
आरटीआई क्लब उत्तराखण्ड ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि विभाग अपने कर्मचारियों के अलावा रिटायर कर्मचारियों व उनके आश्रितों को मुफ्त बिजली दी है। जिसका सीधा भार जनता की जेब पर पड़ रहा है इन अधिकारियों और कर्मचारियों के घरों में जो मीटर लगे हैं, वे या तो ख़राब हैं या फिर हैं ही नहीं। याचिका में कहा गया है कि ये लोग जो बिजली खर्च कर रहे हैं उसका पैसा भी जनता से ही लिया जा रहा है। याचिका में इस फ़र्ज़ीवाड़े और बिजली घोटाले को बंद करने की मांग की गई है।
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