1.20 लाख लोगों से वापस लिया गया PM-किसान सम्मान निधि का पैसा, उत्तराखंड के इतने किसान भी शामिल

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) गलत तरीके से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ लेने वाले किसानों से मोदी सरकार ने पैसे वापस ले लिए हैं। कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 1,19,743 लाभार्थियों के खातों से इस स्कीम का पैसा वापस ले लिया है। लाभ लेने वालों के नामों एवं उनके
 

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) गलत तरीके से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ लेने वाले किसानों से मोदी सरकार ने पैसे वापस ले लिए हैं। कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 1,19,743 लाभार्थियों के खातों से इस स्कीम का पैसा वापस ले लिया है।

लाभ लेने वालों के नामों एवं उनके बैंक खातों के दिए गए ब्‍यौरों में उपलब्‍ध नामों के मेल न खाने के कारण पैसा वापस हुआ है। ऐसा सिर्फ आठ राज्यों के किसानों के साथ हुआ है, जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है। रिपोर्ट में कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने खुद इसकी जानकारी दी है।कृषि मंत्री का कहना है कि स्कीम के तहत पैसा लेन-देन (ट्रांजेक्‍शन) की प्रक्रिया को संशोधित करके अब और कठिन किया गया है। वेरीफिकेशन की प्रक्रिया अपनाई गई है ताकि इस प्रकार की घटना फिर न हो।

यूपी पहले नंबर पर  | जिन किसानों से पैसा वापस लिया गया है उनमें उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। यहां के 86,314 लोगों से पैसा वापस लिया गया है। सबसे ज्यादा लाभार्थी (1,92,39,499) भी यूपी के हैं।इस मामले में दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र, जहां के 32,897 लोगों से किसान निधि का पैसा वापस लिया गया है। महाराष्ट्र में अब तक 79,49,570 लोगों को पैसा मिल चुका है।

उत्तराखंड के 78 किसानों से वापस लिया पैसा | हिमाचल प्रदेश के 346, उत्तराखंड के 78, हरियाणा के 55, जम्मू और कश्मीर के 29, झारखंड के 22 और असम के 2 लोगों से सरकार ने पैसा वापस लिया है। ज्यादातर राज्य बीजेपी शासित हैं।

जरूरी हुआ आधार वेरीफिकेशन | स्कीम के तहत सालाना 6000 रुपये का लाभ लेने के लिए सही कागजात दें आधार कार्ड लगाएं तो ऐसा नहीं होगा। वरना गलत कागजात देने पर आपसे पैसा वापस लिया जा सकता है। पहली किश्त कुछ ऐसे लोगों को भी मिल गई थी जो इसके हकदार नहीं हैं क्योंकि यह किश्त लोकसभा चुनाव 2019 से पहले आनन-फानन में भेजी गई थी और उसका वेरीफिकेशन ढंग से नहीं हो पाया था लेकिन अब ऐसे ‘फर्जी किसानों’ पर सरकार सख्त है। वो ऐसे लोगों से यह रकम वापस ले रही है, ताकि इसका पैसा सही किसानों तक पहुंचे इसीलिए अब आधार वेरीफिकेशन जरूरी हो गया है।

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