उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन का CM धामी से अपडेट ले रहे हैं पीएम मोदी, फोन पर कही ये बात

पीएम मोदी उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी नजर रखे हुए हैं। मंगलवार को पीएम मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर अपडेट लिया। धामी ने बताया कि मोदी जी ने आज पुनः फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फँसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।
 
 

उत्तरकाशी (उत्तराखंड पोस्ट) पीएम मोदी उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी नजर रखे हुए हैं। मंगलवार को पीएम मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर अपडेट लिया। धामी ने बताया कि मोदी जी ने आज पुनः फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में फँसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।

इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी को 6 इंच व्यास की पाइप लाइन के सफलता पूर्वक मलबे के आरपार किए जाने एवं इसके माध्यम से भोजन एवं अन्य आवश्यक सामान श्रमिकों तक पहुँचाने के विषय में अवगत कराया।

आदरणीय प्रधानमंत्री जी को श्रमिक बंधुओं से एंडोस्कोपिक फ़्लेक्सी कैमरे की मदद से हुई बातचीत एवं उनकी कुशलता की जानकारी भी दी। प्रधानमंत्री जी ने यह भी कहा कि सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

क्या हैं विकल्प

फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग।

सीमा सड़क संगठन द्वारा केवल एक दिन में एक एप्रोच रोड पूरा करने के बाद रेल विकास निगम ने आवश्यक आपूर्ति के लिए एक और वर्टिकल पाइपलाइन पर काम शुरू कर दिया है।

गहरी ड्रिलिंग में विशेषज्ञता रखने वाली ओएनजीसी ने दूसरे छोर से वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम शुरू कर दिया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निकाय सुरक्षा व्यवस्था पर काम करने के बाद मुख्य सिल्क्यारा छोर से ड्रिलिंग जारी रखे। इसकी सुविधा के लिए सेना ने बॉक्स पुलिया तैयार की है. मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक केनोपी का ढांचा बनाया जा रहा है।

टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन माइक्रो टनलिंग पर काम करेगा, जिसके लिए भारी मशीनरी पहले ही जुटाई जा चुकी है।

गौरतलब है बचाव दल श्रमिकों के साथ नियमित संचार बनाए रख रहे हैं, यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनका उत्साह बरकरार रहे और उनकी आशा जीवित रहे। थाईलैंड और नॉर्वे की विशिष्ट बचाव टीमें, जिनमें 2018 में थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चों को सफलतापूर्वक बचाने वाली टीम भी शामिल है, चल रहे बचाव अभियान में सहायता के लिए शामिल हो गई हैं।