गौरीकुंड भूस्खलन | युद्धस्तर पर जारी है लापता लोगों की तलाश, जानिए कैसे गायब हो गए 20 लोग

भूस्खलन के दौरान लापता हुए 20 लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। बचाव दल लगातार कड़ी मेहनत कर उन 20 लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं जो केदारनाथ जाते समय गौरीकुंड में अचानक आई बाढ़ के बाद हुए भूस्खलन में लापता हो गए थे।
 
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रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड पोस्ट) 3-4 अगस्त की दरम्यानी रात को केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग के अहम पड़ाव गौरीकुंड में डाटपुलिया के समीप हुए भू-स्खलन के कारण लापता लोगों को तलाश करने का लगातार जारी है।

भूस्खलन के दौरान लापता हुए 20 लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। बचाव दल लगातार कड़ी मेहनत कर उन 20 लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं जो केदारनाथ जाते समय गौरीकुंड में अचानक आई बाढ़ के बाद हुए भूस्खलन में लापता हो गए थे।

<a href=https://youtube.com/embed/3_A_mdHkf18?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/3_A_mdHkf18/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

गुरुवार और शुक्रवार की मध्यरात्रि को लगभग 12 बजे भूस्खलन हुआ, जिससे बरसाती झरने के करीब और मंदाकिनी नदी से लगभग 50 मीटर ऊपर स्थित तीन दुकानें बह गईं, जिस समय यह हादसा हुआ उस समय मंदाकिनी नदी उफान पर थीष

एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, जिला आपदा प्रबन्धन विभाग, जिला पुलिस, जल पुलिस, अग्निशमन इकाई के द्वारा निरन्तर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी के साथ  रुद्रप्रयाग के कोतवाली सोनप्रयाग, थाना गुप्तकाशी, थाना ऊखीमठ, थाना अगस्त्यमुनि पुलिस द्वारा जल पुलिस के साथ मंदाकिनी नदी के किनारों पर व कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा अलकनंदा व मंदाकिनी के संगम से लेकर रुद्रप्रयाग जनपद की सीमा के अन्दर नदी किनारे सर्चिंग की जा रही है।

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नदी किनारे के ऐसे स्थल जहाँ पर पहुँच आसान नहीं है, ड्रोन की सहायता से तलाश की जा रही है। इसके अतिरिक्त सरहदी जनपदों के डैम क्षेत्र सहित हरिद्वार तक सर्चिंग किये जाने का आग्रह किया गया है।

रुक-रुक कर हो रही बारिश और पहाड़ियों से गिरते पत्थरों के राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच लगभग छह किलोमीटर का इलाका भूस्खलन के मामले में अत्यधिक संवेदनशील है।

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जिला प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच सड़क के दोनों ओर दुकानों और अन्य स्ट्रक्चर की पहचान करना शुरू कर दिया है जो भूस्खलन से खतरे में पड़ सकती हैं।