केदारनाथ मंदिर में सोने और पीतल की कहानी का क्या है सच ? पूरा मामला एक क्लिक में समझिए

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने बयान जारी कर कहा कि स्पष्ट किया है कि बीकेटीसी अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया।

 

<a href=https://youtube.com/embed/PHak-8FQhT8?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/PHak-8FQhT8/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

केदारनाथ/देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ाने के विवाद को षड्यंत्र का हिस्सा बताया। समिति का कहना है कि दानी दाता की श्रद्धा और आस्था की भावना को देखते हुए मंदिर समिति ने बोर्ज बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने की अनुमति दी।

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने बयान जारी कर कहा कि स्पष्ट किया है कि बीकेटीसी अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया।

<a href=https://youtube.com/embed/495w4-k7qq4?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/495w4-k7qq4/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने अपने बयान में आगे कहा कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। दानी दाता ने ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार कराई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई। सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का कार्य दानीदाता की ओर से कराया गया।

दानी दाता में गर्भ गृह में लगाई गई स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल व बाउचर बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के पश्चात दे दिए गए थे। बीकेटीसी ने नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है। दानी दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा- 80 का प्रमाण पत्र नहीं मांगा। लेकिन कुछ लोग षडयंत्र रच कर केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल की कोशिश कर रहे हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/6p8wvhi0Fao?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/6p8wvhi0Fao/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

आपको बता दें कि पूरे मामले को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है।  गर्भ गृह में सोने की परत लगाने के नाम पर सवा अरब रुपये का घोटाला किया गया है। इस वीडियो में कहा जा रहा है कि एक अरब 15 करोड़ रुपये मूल्य का सोना मंदिर के गर्भ गृह में लगाया गया है तथा बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित कर जनमानस की भावनाओं को आहत किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

<a href=https://youtube.com/embed/OieOkQMX-PY?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/OieOkQMX-PY/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" style="border: 0px; overflow: hidden;" width="640">

allowfullscreen

इस संबंध में मंदिर प्रबंधन ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति स्पष्ट करना चाहती है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में एक दानीदाता के सौजन्य से कुल 23 किलो 777 ग्राम सोना लगाया गया है जिसका वर्तमान मूल्य बाजार में करीब 14.38 करोड़ रुपए है वहीं स्वर्ण मंडित कार्य हेतु कॉपर प्लेट का वजन 1001 किलो है जिसका बाजार मूल्य 29 लाख रुपए है।