दुर्गम और सुगम स्कूलों में कोटिकरण के मानक बदलने की तैयारी

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] उत्तराखंड में दुर्गम और सुगम स्कूलों में कोटिकरण के मानक बदलने की तैयारी है। मौजूदा मानकों और उपमानकों में बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। इस काम में शिक्षक संगठनों के भी सुझाव लिए जाएंगे। जिसके लिए आगामी 29 से 31 अगस्त के बीच विभिन्न संगठनों को बैठक के लिए बुलाया गया है। दरअसल
 

देहरादून [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरोउत्तराखंड में दुर्गम और सुगम स्कूलों में कोटिकरण के मानक बदलने की तैयारी है। मौजूदा मानकों और उपमानकों में बदलाव की कवायद शुरू हो गई है। इस काम में शिक्षक संगठनों के भी सुझाव लिए जाएंगे। जिसके लिए आगामी 29 से 31 अगस्त के बीच विभिन्न संगठनों को बैठक के लिए बुलाया गया है।

दरअसल प्रदेश में स्कूलों का कोटिकरण मनमाने ढंग से किया गया है। इसके चलते जहां दुर्गम केशिक्षकों को वर्षो बाद भी लाभ नहीं मिल पाया, वहीं सुगम के कई शिक्षकों ने आठ से दस वर्ष में ही तीन से चार बार मनचाहे तबादले करवा लिए।

मौजूदा कोटिकरण 10 मानकों और 78 उपमानकों के आधार पर किया गया है। इसमें एक्स और वाई दो श्रेणियां बनाकर तीन-तीन उप श्रेणियां बनाई गई हैं। इसमें मूल्यांकन की प्रक्रिया खासी जटिल है। नए कोटिकरण को आसान और सुलझा हुआ बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उप शिक्षाधिकारी नारसन बृजपाल सिंह राठौर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है।