मलेशिया में फंसे उत्तराखंड के 4 युवक, सरकार से लगाई मदद की गुहार

दो साल पहले मलेशिया होटल में नौकरी करने गए नई टिहरी के युवाओं को मालिक ने उनका पासपोर्ट जब्त कर सात माह का वेतन भी नहीं दिया है। मालिक की चंगुल से भागकर उन्होंने वहां भारतीय दूतावास में शरण ली है, लेकिन दूतावास से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जिससे युवक घर
 

दो साल पहले मलेशिया होटल में नौकरी करने गए नई टिहरी के युवाओं को मालिक ने उनका पासपोर्ट जब्त कर सात माह का वेतन भी नहीं दिया है। मालिक की चंगुल से भागकर उन्होंने वहां भारतीय दूतावास में शरण ली है, लेकिन दूतावास से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जिससे युवक घर भी नहीं लौट पा रहे हैं।

मलेशिया में फंसे नत्थी सिंह, उत्तम सिंह, उमराव सिंह और विश्वनाथ प्रताप एक एजेंट के माध्यम से मलेशिया के ओरिजिनल पेनाग कायुनाशी नाम के होटल में नौकरी करने गए थे। वहां जाते ही मालिक ने पासपोर्ट जब्त कर अपने पास रख लिए। अब वह पिछले सात माह से वेतन भी नहीं दे रहा है। आठ-दस दिन पहले होटल मालिक के चंगुल से निकलकर ये युवक किसी तरह भारतीय दूतावास पहुंचे। लेकिन दूतावास की ओर से भी उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है।

डोबरा-चांठी पुल बनाओ संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली ने बताया कि मलयेशिया में फंसे युवाओं ने दूरभाष पर अपनी व्यथा सुनाई है। उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ केके पॉल को पत्र भेजकर मलयेशिया में फंसे युवाओं को स्वदेश पहुंचाने में मदद करने की मांग की है।