हल्द्वानी बवाल में सबसे बड़ा खुलासा, मुख्यमंत्री धामी ने भी दिए कार्रवाई के निर्देश

 
 

हल्द्वानी (उत्तराखंड पोस्ट) हल्द्वानी में हुए बवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त एक्शन की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दंगाइयों और उपद्रवियों के विरुद्ध करेंगे कठोरतम कार्रवाई। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई घटना के संबंध में शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने पुलिस को अराजक तत्वों से सख़्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगजनी, पथराव करने वाले एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है, सौहार्द और शांति बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा।

 

जिलाधिकारी की प्रेस कांफ्रेंस में बड़े खुलासे-

इससे पहले सुबह नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह औऱ एसएसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर घटना की पूरी जानकारी दी और चौंकाने वाले खुलासे किए। जिलाधिकारी वंदना ने पत्रकारावार्ता में कहा कि कल तीन तरीके से हमला हुआ था। पहले पत्थरबाजी की गई। फिर पेट्रोल पंप जलाया और फिर थाना फूंका गया। हमारी कल भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी थी। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम की टीम जहां थाना फूंका गया वहां सफाई करने गई है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी की गई है। हल्द्वानी की सम्मानित जनता से अनुरोध है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस-प्रशासन का सहयोग करें।

हल्द्वानी में प्रेस कांफ्रेंस में जिला प्रशासन ने 30 जनवरी 2024 का Aerial Footage दिखाया गया कि छतों पर कोई पत्थर नहीं थे। डीएम का कहना है कि इन लोगों ने प्रशासन से कार्रवाई से पहले समय मांगा तो हमने इनको समय दे दिया। इस दौरान इन लोगों ने पूरी तैयारी की, छतों पर पत्थर एकट्ठा किए, ताकि जब प्रशासन की अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई हो तो ये लोग टीम पर हमला कर सकें।

जिलाधिकारी ने कहा कि इसको (वीडियो) दिखाने को हमारा मकसद यही था की पुलिस किसी को मार नहीं रही है किसी को परेशान नहीं कर रही है।थाने पर पेट्रोल बम फेंके गए थाने में आगजनी की गयी। थाने के बाहर पुलिस के पत्रकारों के और आम जनता के वाहनों में आग लगायी गई। पुलिस थाने में पुलिस वालो को अंदर जिन्दा जलाने की कोशिश की गयी। मैंने आपको 30 जनवरी का फुटेज दिखाया है जिसमे किसी की छत पर पत्थर नहीं थे और उसके बाद जब हमने इन्हे पैरवी करने के समय दिया उस दौरान इन्होंने पत्थर इकठ्ठा किए। 

15-20 दिन से हल्द्वानी में अतिक्रमण पर कार्रवाई हो रही है जो सरकारी जमीन पर कब्ज़े है उन्हें हटाया जा रहा है। सभी को नोटिस दिए और सुनवाई का मौका दिया, यहाँ पर दो स्ट्रक्चर है जो किसी भी धार्मिक स्थल के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है कुछ लोग उसे मदरसा कहते है कुछ लोग उसे नमाज स्थल कहते है ये नगर निगम के नजूल की भूमि के नाम पर रजिस्टर्ड है ये जो स्ट्रक्चर था ये पूरा अवैध है। अतिक्रमण की कार्रवाई के लिए जितनी पुलिस लगानी होती है उतनी थी, कोर्ट और हमारी सुनवाई के दौरान जो समय मिला उसमे इन्होने पत्थर इकठ्ठा किए और प्लान किया कि जब अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी तो छत से अटैक करेंगे।

पहला अटैक हमारी नगर निगम की टीम पर हुआ और छत से पत्थर बरसाए गए। जब हमारी टीम पीछे नहीं हटी तो दूसरी बारी में पेट्रोल बम से हमारी टीम पर हमला किया गया।तब भी जब टीम नहीं हटी तो थर्ड स्टेप में थाने पर अटैक किया गया और थाने में अंदर लोगों को बहार नहीं आने दिया और आगजनी की गयी। थाने में उसके बाद पता चला की थाने में अंदर जो टीम थी उस पर फायरिंग की गयी उसके बाद पुलिस ने कमर के नीचे फायर करने का आदेश दिया गया, उसके बाद इस मॉब के द्वारा गांधी नगर इलाके में इन्होने उपद्रव किया। 

हमारा प्रयास था की बनभूलपुरा का जो मॉब है वो हल्द्वानी के किसी और क्षेत्र में न जा पाए, इनको जितना ज्यादा समय दिया जाता इनकी तैयारी उतनी अच्छी होती। वीडियो देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उपद्रवी स्ट्रक्चर को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे थे बल्कि हमारी टीम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में थाे।