उत्तराखंड पुलिस ने कस ली कमर, अब इन लोगों के खिलाफ चलेगा बड़ा अभियान

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बताया कि उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 52(3) के अनुसार जनपद ऊधम सिंह नगर के समस्त मकान मालिक, दुकानदारो अन्य प्राईवेट संस्थाओ को बहारी राज्यों एवं जनपदो से आये हुए व्यक्तियों, छात्रों, श्रमिको, किरायेदारों एवं घरेलू नौकर का जनहित में पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य है।
 
Police Uttarakhand

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रूद्रपुर (उत्तराखंड पोस्ट)
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने बताया कि उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 52(3) के अनुसार जनपद ऊधम सिंह नगर के समस्त मकान मालिक, दुकानदारो अन्य प्राईवेट संस्थाओ को बहारी राज्यों एवं जनपदो से आये हुए व्यक्तियों, छात्रों, श्रमिको, किरायेदारों एवं घरेलू नौकर का जनहित में पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बहारी राज्यों एवं जनपदो से आये हुए व्यक्तियों, छात्रों श्रमिको, किरायेदारों एवं घरेलू नौकर आदि के पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा संशोधित सत्यापन प्रपत्र एवं प्रस्तुत किये जा रहे दस्तावेजो के सम्बन्ध में शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। व्यक्ति द्वारा सत्यापन की कार्यवाही के समय अथवा तत्पश्चात अपने मूल निवास से सम्बन्धित थाना, जनपदीय कार्यालय से निर्धारित प्रारूप में सत्यापन रिपोर्ट, चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा (सत्यापन प्रपत्र का प्रारुप जनपद ऊधमसिंह नगर के किसी भी अपने निकटतम थाने से प्राप्त कर सकते है।)

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जनपद में अवस्थित धर्मशालाओं, प्रतिष्ठानों में ठहरने वाले व्यक्तियों का नाम, पता, मो0 न0 एवं आने जाने की तिथि व समय सम्बन्धी विवरण एक रजिस्टर में अंकित कर उनका फोटोयुक्त पहचान पत्र लेने एवं उनका रख-रखाव, विनिष्टिकरण के सम्बन्ध में अग्रेत्तर कार्यवाही सम्बन्धित धर्मशालाओं एवं प्रतिष्ठानों के संचालकों के द्वारा की जायेगी।

एसएसपी ने बताया कि निर्धारित प्रकिया का उल्लंघन करने पर उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी साथ ही व्यक्ति द्वारा सत्यापन के सम्बन्ध में कूटरचित दस्तावेज तथा गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किये जाने पर उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान सुसंगत धाराओं में विधिक कार्यवाही की जायेगी।

एसएसपी ने सभी सम्बन्धितों को निर्देशित किया है कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सत्यापन की कार्यवाही हेतु आवश्यक प्रपत्र, शपथ पत्र अपने निकटतम थाने में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, यदि किसी व्यक्ति, छात्र, श्रमिक, किरायेदार एवं घरेलू नौकर के विरुद्ध कोई प्रकरण प्रकाश में आता है तो सत्यापन की कार्यवाही न कराये जाने के सम्बन्ध में सम्बन्धित संस्था, सार्वजनिक प्रतिष्ठान, होटल, भवन स्वामी इत्यादि इसके लिए जिम्मेदार  एवं उत्तरदायी होगें।

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