Rs 2500 में भरिए ‘उड़ान’, दून, पंतनगर समेत 128 रुटों पर हवाई सफर हुआ सस्ता

दिल्ली से पंतनगर और देरादून समेत देशभर के 128 रुटों पर अब आप सिर्फ 2,500 रुपये में हवाई सफर कर सकेंगे। सकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत 45 छोटे-बड़े शहरों को जोड़ने वाले 70 हवाई अड्डों के 128 रूटों पर पांच एयरलाइनों की सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध होंगी। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस
 

दिल्ली से पंतनगर और देरादून समेत देशभर के 128 रुटों पर अब आप सिर्फ 2,500 रुपये में हवाई सफर कर सकेंगे। सकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत 45 छोटे-बड़े शहरों को जोड़ने वाले 70 हवाई अड्डों के 128 रूटों पर पांच एयरलाइनों की सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध होंगी। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट

स्पाइसजेट, एयर डेक्कन, एयर इंडिया की सब्सिडियरी एयरलाइन एलाइड सर्विसेज तथा नई एयरलाइन एयर ओडिशा व टबरे मेघा को ‘उड़ान’ के तहत सेवाएं शुरू करने का मौका मिला है। पहले चरण में दिल्ली समेत उत्तर भारत के कानपुर, आगरा, लुधियाना, बठिंडा, शिमला, पठानकोट, आदमपुर, जमशेदपुर जैसे शहर शामिल किए गए हैं।

इन शहरों के हवाई अड्डे या पट्टियों का अभी बेहद कम या न के बराबर उपयोग होता है। लेकिन अब बठिंडा-दिल्ली, लुधियाना-दिल्ली, पठानकोट-दिल्ली, कुल्लू-दिल्ली, कानपुर-दिल्ली, पंतनगर-देहरादून, जमशेदपुर-कोलकाता, आगरा-जयपुर के बीच अप्रैल से लेकर सितंबर के बीच किफायती उड़ानें शुरू हो जाएंगी।

स्कीम के तहत एयरलाइन एलाइड सर्विसेज (एलायंस एयर) को 15 और स्पाइसजेट को 11 रूट मिले हैं। टबरे मेघा को 18, एयर डेक्कन को 34 और एयर ओडिशा को सर्वाधिक 50 रूट आवंटित किए गए हैं। इस तरह कुल 27 प्रस्तावों के तहत 128 उड़ान रूट आवंटित किए जा चुके हैं।

विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू और राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) के तहत पहले लाइसेंस पाने वाली पांचों एयरलाइनों के नाम घोषित किए। जयंत के अनुसार स्कीम से कई किस्म के फायदे मिलेंगे। इनमें एयरपोर्ट शुल्क में छूट के अलावा तीन वर्षो तक रूट का आरक्षण शामिल है।

विमानन सचिव आरएन चौबे ने बताया कि पांचों एयरलाइनें 19 से लेकर 78 सीट वाले विमानों का उपयोग करेंगी। प्रत्येक फ्लाइट में 50 फीसद सीटें 2,500 रुपये प्रति घंटे के रियायती किराये के लिए रिजर्व होंगी। बाकी सीटों का आवंटन सामान्य किराये पर होगा। रियायती किराये के कारण एयरलाइनों को होने वाले नुकसान की भरपाई वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत की जाएगी। इस पर हर साल 205 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने की संभावना है।