आयुक्त दीपक रावत ने तहसील में मारा छापा, मिली ये गड़बड़ी तो तहसीलदार सहित चार की लगा दी क्लास 

बुधवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तहसील का औचक निरीक्षण किया। कमिश्नर को देख हड़कंप मच गया। इस दौरान में गंभीर लापरवाही व अनियमितताएं उजागर हुई। दस्तावेजों के रखरखाव से लेकर बिना अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर के फाइलों को रखना, कार्यों में ढिलाई, लंबे समय से विवादित मामलों के निस्तारण न होने सहित अन्य मामला प्रकाश में आया। उन्होंने तहसीलदार सहित चार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फटकार लगाई और स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।
 

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रुद्रपुर (उत्तराखंड पोस्ट) बुधवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तहसील का औचक निरीक्षण किया। कमिश्नर को देख हड़कंप मच गया। इस दौरान में गंभीर लापरवाही व अनियमितताएं उजागर हुई। दस्तावेजों के रखरखाव से लेकर बिना अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर के फाइलों को रखना, कार्यों में ढिलाई, लंबे समय से विवादित मामलों के निस्तारण न होने सहित अन्य मामला प्रकाश में आया। उन्होंने तहसीलदार सहित चार अधिकारियों एवं कर्मचारियों को फटकार लगाई और स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए।

कलक्ट्रेट परिसर स्थित तहसील में बुधवार को कुमाऊं कमिश्नर ने सबसे पहले तहसीलदार व एसडीएम कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने तहसीलदार के बगल वाले कार्यालय का निरीक्षण किया। जहां टेबल पर वर्ष, 2020-21 की फाइलें अव्यवस्थित देखी। उन्होंने फाइलें उथल पुथल और पुरानी फाइल टेबल पर पड़ी होने का कारण पूछा। जिसपर अधिकारीगण कोई जवाब नही दे सके। पूछताछ करने पर फाइल अपने साथ लेकर तहसीलदार के सुनवाई कक्ष में पहुंचे। उन्होंने विवादित मामलों की संख्या और निस्तारण लंबे समय से न होने पर नाराजगी व्यक्त की। तमाम शिकायत वाली फाइलों पर तहसीलदार के हस्ताक्षर न होने पर उन्हें फटकार लगाई।

इसके बाद एक फाइल में शिकायतकर्ता के 16 आवेदनों पर भी समस्या का निस्तारण न होने पर बिफर पड़े। तीन पुरानी फाइल निकाल उनके निस्तारण न होने, सभी फाइलों को पोर्टल पर अपलोड न करने पर उन्होंने आशुलिपिक को लताड़ लगाई। इसके साथ ही 143 के लिए पहुंची फाइलों को संज्ञान में लेने पर कई गड़बड़ी सामने आई। जिसमें फाइलों पर हस्ताक्षर न होना, फोटो स्पष्ट न होना, बिना किसी अधिकृत अधिकारी के आदेश के मौका मुआयना और रिपोर्ट लगाना, फाइलों में हस्ताक्षर के बिना ही प्रेषित करना आदि। सभी अनियमितताओं पर तहसीलदार नीतू डागर, नाजिर अख्तर अली, एओ मनोज व दोनों कानूनगो तथा नयाब तहसीलदार को जमकर फटकार लगाई। आयुक्त ने कहा कि यह सरकारी दस्तावेज हैं उनमें लापरवाही सामने आई है। कार्यालय के फाइलों में किसने हैंडराइटिंग है नहीं पता है, फाइलों पर हस्ताक्षर भी नहीं है। इसलिए जांच बैठाई जाएगी। फिलहाल तहसीलदार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। एसडीएम को भी समय समय पर जांच के निर्देश दिए गए हैं।

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