उत्तराखंड | प्यासे बैलों ने नहर में लगा दी छलांग, डूबने से पहले मालिक को नहर से बाहर फेंक बचाई जान

खटीमा (उत्तराखंड पोस्ट) उधमसिंहनगर जिले के खटीमा में भीषण गर्मी के चलते खेतों में जुताई से घर लौट रहे प्यासे बैल हैरो सहित नहर में कूद गए। बैलों के अचानक कूदने से रस्सी पकड़ा किसान भी नहर में जा गिरा। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को बगुलिया निवासी श्याम सुंदर रोज की तरह बैलों को लेकर
 

खटीमा (उत्तराखंड पोस्ट) उधमसिंहनगर जिले के खटीमा में भीषण गर्मी के चलते खेतों में जुताई से घर लौट रहे प्यासे बैल हैरो सहित नहर में कूद गए। बैलों के अचानक कूदने से रस्सी पकड़ा किसान भी नहर में जा गिरा।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को बगुलिया निवासी श्याम सुंदर रोज की तरह बैलों को लेकर ऊंची बगुलिया खेत जोतने गया था और दोपहर को लौट रहा था। बैलों की जोड़ी नहर की पटरी पर आते ही हैरो सहित नहर में कूद गई, जिनकी रस्सी पकड़े श्याम सुंदर भी नहर में जा गिरा।

बैल और स्वामी नहर में डूबते-उतराते डेढ़ सौ मीटर तक पहुंच गए। उसी दौरान बैलों का जोड़ा एक गिरे पेड़ में अटक गया और हैरो का वजन उन्हें पानी के अंदर खींचने लगा।हैरों की वजह बैल डूबने लगे साथ ही किसान भी डूबने लगा।

तभी एक बैल ने अपने मालिक को उठाकर फेंक दिया औऱ बांस की टहनी हाथ में आने से किसान की जान बच गई। लेकिन, दोनों बैल हैरो के भारी वजह के चलते डूब गए। बाहर आने पर जब श्याम सुंदर ने देखा तो बैल डूब चुके थे।

जानकारी मिलने पर गांव के लोग इकट्ठे हुए। मरे हुए बैलों और हैरो को बाहर निकाला। ग्राम प्रधान अमरजीत सिंह कुशवाहा, पूर्व प्रधान रामाधार पप्पू, मोतीलाल, राम बढ़ाई, राजेंद्र कुमार आदि ने बैलों के मुआवजे की मांग की है।

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