उत्तराखंड | अंतिम सफर पर निकला देवभूमी का लाल, श्रद्धांजलि देने पहुंचे हजारों लोग

शहीद सिपाही हिमांशु नेगी दो वर्ष पूर्व ही सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता का नाम हीरा सिंह नेगी व माता का नाम कमला नेगी है। हिमांशु अपने परिवार में सबसे बड़े थे। उनके परिवार एक छोटी बहन व दो भाई हैं। हिमांशु के ऊपर ही परिवार निर्भर था।
 

ऊधमसिंहनगर (उत्तराखंड पोस्ट) बीते बुधवार को सिक्किम में 7 कुमाऊं रेजीमेंट का एक जवानों से भरा वाहन खाई में जा गिरा था जिसमें उत्तराखंड के 2 जवान शहीद हो गए थे। इनमें ताड़ीखेत, रानीखेत के निवासी सिपाही बृजेश रौतेला पुत्र गोविंद सिंह थे और हेमपुर जिला ऊधमसिंहनगर के निवासी सिपाही हिमांशु नेगी पुत्र हीरा सिंह नेगी थे।

आज प्रातः 8 बजे 7 कुंमांऊ रेजीमेंट के शहीद सिपाही हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर पाण्डे कोलोनी स्थित उनके घर हेमपुर में पहुंचा तो उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके घर पर हजारों की भीड़ इकट्ठी हो गई। शहीद हिमांशु नेगी का पार्थिव शरीर लेकर 7 कुंमांऊ रेजीमेंट की एक टीम हसीमारा, सिक्किम से उनके घर पहुंची थी। जिसमें सूबेदार जगत सिंह, हवलदार राजेंद्र सिंह, हवलदार गणेश चौधरी व हवलदार महेंद्र सिंह शामिल थे।

उनके घर से रामनगर स्थित श्मशान घाट की दूरी महज 20 किमी की है, मगर पूरे रास्ते भर सड़क के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग अपने शहीद लाल को फूलमालाओं से श्रद्धांजलि अर्पित करते रहे जिसके कारण उनका पार्थिव शरीर 3 घण्टे बाद पहुंच सका। इसके बाद देवभूमी का लाल अपने अंतिम सफर पर चला गया।

बताया गया कि शहीद सिपाही हिमांशु नेगी दो वर्ष पूर्व ही सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता का नाम हीरा सिंह नेगी व माता का नाम श्रीमती कमला नेगी है। हिमांशु अपने परिवार में सबसे बड़े थे। उनके परिवार एक छोटी बहन व दो भाई हैं। हिमांशु के ऊपर ही परिवार निर्भर था।

शहीद हिमांशु नेगी के पिता से जब उनके बेटे की शहादत के बारे में कुछ बोलने को कहा गया तो उन्होंने नम आंखों से भावुक स्वर में कहा, ” मुझे अपने बेटे की शहादत पर फक्र है, देश की सेवा के लिए मैं अपने दूसरे बेटे को भी सेना में भेजूंगा।”