उत्तराखंड | कैबिनेट मंत्री की विधानसभा के अस्पताल में सिर्फ एक ही डॉक्टर, वो भी निकले कोरोना पॉजिटिव

एक तरफ कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था मुश्किलों बढ़ा रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल करती हुए एक खबर सामने आयी है। तीरथ सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के विधानसभा क्षेत्र गदरपुर में स्वास्थ्य सुवाओं का बुरा हाल है। क्षेत्र में एक ही डॉक्टर के भरोसे हॉस्पिटल चल रहा है और अब वह डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि इस अस्पताल में दूर-दूर से मरीज आते हैं। डॉक्टर ना होने से मरीज निराश होकर घर वापस लौट रहे हैं।
 

गदरपुर (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड में लगातार कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 4368 मामले सामने आए। इसी के साथ प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 151801 पहुंच गई है। वहीं 44 संक्रमित मरीजों की मौत हुई।

एक तरफ कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था मुश्किलों बढ़ा रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल करती हुए एक खबर सामने आयी है। तीरथ सरकार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के विधानसभा क्षेत्र गदरपुर में स्वास्थ्य सुवाओं का बुरा हाल है। क्षेत्र में एक ही डॉक्टर के भरोसे हॉस्पिटल चल रहा है और अब वह डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि इस अस्पताल में दूर-दूर से मरीज आते हैं। डॉक्टर ना होने से मरीज निराश होकर घर वापस लौट रहे हैं।

आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के विधानसभा क्षेत्र गदरपुर में लाखों की आबादी वाले क्षेत्र में श्री पुलिन विश्वास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ही डॉक्टर के भरोसे में चल रहा था। वर्तमान समय में डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। मरीज निराश होकर वापस लौट रहे हैं या किसी अन्य अस्पताल की ओऱ रुख कर रहे हैं।

स्थानीय जनप्रतिनिधि व्यापार मंडल छात्र संगठन कई बार इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे से मिल चुके हैं लेकिन केवल आश्वासन मिलता रहा। मिली जानकारी के अनुसार लंबे समय से डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है और ना ही अस्पताल में कोई महिला डॉक्टर है। कोई भी इमरजेंसी या डिलीवरी का केस हो उन्हें तत्काल यहां से रेफर रुद्रपुर या हल्द्वानी सुशीला तिवारी के लिए कर दिया जाता है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। राज्य सरकार या कैबिनेट मंत्री की अनदेखी से लोगों में काफी नाराज हैं। लोगों का कहना है कि अगर तत्काल अस्पताल में डॉक्टर की व्यवस्था ना की गई तो इसका खामियाजा कैबिनेट मंत्री समेत सरकार को भुगतना पड़ सकता है।