उत्तराखंड | आपदा के लिहाजा से संवदेनशील इलाकों में स्थापित होंगे अलार्म सिस्टम

सचिव आपदा प्रबंधन एस. ए. मुरूगेसन ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा मौसम पूर्वानुमानों को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश भर में मौसम के आंकडे एकत्रित करने वाले 176 यंत्रों की स्थापना की गई है। जिनके माध्यम से एकत्रित आंकड़ों का सम्प्रेषण वास्तविक समय पर राज्य मुख्यालय के साथ ही मौसम विज्ञान विभाग के पुणे स्थित केन्द्र को भी किया जाता है।
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) विश्व मौसम विज्ञान दिवस के अवसर मौसम जनित आपदाओं के संदर्भ में राज्य की संवेदनशीलता एवं राहत व बचाव हेतु किये जा रहे कार्यों की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में मौसम जनित आपदा में जनहानि को कम करने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया।

सचिव आपदा प्रबंधन एस. ए. मुरूगेसन ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा मौसम पूर्वानुमानों को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश भर में मौसम के आंकडे एकत्रित करने वाले 176 यंत्रों की स्थापना की गई है। जिनके माध्यम से एकत्रित आंकड़ों का सम्प्रेषण वास्तविक समय पर राज्य मुख्यालय के साथ ही मौसम विज्ञान विभाग के पुणे स्थित केन्द्र को भी किया जाता है।

उन्होंने बताया कि मुक्तेश्वर में स्थापित डाॅप्लर रडार ने कार्य शुरू कर दिया है जबकि सुरकण्डा में डाॅप्लर रडार की स्थापना का कार्य अंतिम चरण में है। बाढ़ की चेतावनी के लिये विभाग के द्वारा कोटेश्वर तथा ऋषिकेश के मध्य भागीरथी/गंगा के तट पर 08 स्थानों पर स्वचलित सायरनों की व्यवस्था की गई है।

बैठक में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओम प्रकाश सिंह नेगी, अपर सचिव वन एवं पर्यावरण सुश्री नेहा वर्मा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आनंद श्रीवास्तव, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के डाॅ पीयूष रौतेला, मौसम विज्ञान केन्द्र देहरादून के रोहित थपलियाल सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।