सदन में नजर आया मंत्रियों का कमजोर होमवर्क

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन हराश रावत सरकार के मंत्रियों के कमजोर होमवर्क की झलक साफ दिखाई दी। कई सवालों पर मंत्री संतोषजनक जवाब तक नहीं दे पाए, जिसके चलते कई बार मुख्यमंत्री हरीश रावत को हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं विपक्षी पार्टी इस दौरान सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
 

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन हराश रावत सरकार के मंत्रियों के कमजोर होमवर्क की झलक साफ दिखाई दी। कई सवालों पर मंत्री संतोषजनक जवाब तक नहीं दे पाए, जिसके चलते कई बार मुख्यमंत्री हरीश रावत को हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं विपक्षी पार्टी इस दौरान सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। निजी स्कूलों की मनमानी का मामला हो या फिर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का मामला, हर बार मुख्यमंत्री रावत के हस्तक्षेप के बाद ही विपक्ष शांत हुआ।

निजी स्कूलों की मनमानी रूकेगी

वहीं मसूरी से भाजपा विधायक गणेश जोशी के राज्य में निजि स्कूलों की मनमानी पर सवाल पर शिक्षा मंत्री नैथानी ने बताया कि निजि स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सरकार एक्ट लाने की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री के अनुसार एक्ट का मसौदा भी लगभग तैयार कर लिया गया है। लेकिन शिक्षा मंत्री के जवाब से भाजपा विधायक संतुष्ट नहीं हुए, जिसके बाद मुख्यमंत्री हराश रावत को खुद उठकर इसका जवाब देना पड़ा और रावत ने रेगुलेटिंग सिस्टम को दुरुस्त करने की बात कही।

अमृता ने अपनी ही सरकार को घेरा

वहीं सदन में कांग्रेस विधायक अमृता रावत ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश में वन ग्रामों और वन गुर्जरों की दयनीय स्थिति का मुद्दा उठाया। जिस पर संबंधित मंत्री के जवाब से रावत संतुष्ट नहीं हुई तो एक बार फिर से मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए बताया कि वन गुर्जरों के पुनर्वास के लिए सरकार गंभीर है और वन ग्रामों में पेयजल सुविधा के लिए भी सरकार प्रयास कर रही है।

गन्ना किसानों को मिलेगा बकाया

भाजपा विधायक मदन कौशिक ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के मुद्दे को उठाते हुए रावत सरकार पर मिल मालिकों से मिलीभगत का आरोप लगाया है। कौशिक ने कहा कि गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के साथ ही सरकार से जल्द गन्ने का खरीद मूल्य घोषित करने की मांग की। जिस पर गन्ना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि गन्ना किसानों का बकाया भुगतान किया जा रहा है और भुगतान का कुछ ही हिस्सा बकाया है, जिसके शीघ्र भुगतना का भरोसा दिया।

नेगी के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया, जिस पर मुख्यमंत्री को एक बार फिर से हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने बताया कि बकाया भुगतान शीघ्र किया जाएगा और इसके लिए राज्य सरकार को केन्द्र से मदद की दरकार है।

साहित्य अकादमी के गठन का प्रस्ताव विचाराधीन

वहीं मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि राज्य में साहित्य अकादमी के गठन का प्रस्ताव विचाराधीन है। साथ ही रावत ने कहा कि  सरकार गढ़वाली भाषा की उन्नति के लिए साहित्यकारों को पुरुस्कार भी दे रही है। बंगाली भाषा के अध्यकों की नियुक्ति के सवाल पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य में बंगाली भाषा के अध्यापकों की भी नियुक्ति होगी।