भ्रष्टाचार की लड़ाई को धर्मयुद्ध की तरह लड़ना होगा: त्रिवेंद्र

लखनऊ [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि भ्रष्टाचार की लड़ाई धर्मयुद्ध की तरह लड़ना होगा। भ्रष्टाचार राज्यों व समाज को खोखला कर रहा है। उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में एक साथ छह पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर बड़ी कार्रवाई की। शनिवार को लखनऊ में ‘हिन्दुस्तान शिखर
 

लखनऊ [उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो] उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि भ्रष्टाचार की लड़ाई धर्मयुद्ध की तरह लड़ना होगा। भ्रष्टाचार राज्यों व समाज को खोखला कर रहा है। उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में एक साथ छह पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर बड़ी कार्रवाई की।

शनिवार को लखनऊ में ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ मे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सरकार एजेंडे पर काम कर रही है। इस सवाल पर कि अफसरों को सजा दी और उनके कमांडरों को भाजपा में शामिल कर लिया गया ? क्या भाजपा गंगा की तरह है ? जवाब में  रावत ने कहा कि गंगा तो गंगा है। उसमें नालों का पानी आने के बाद भी शुद्ध हो जाता है। भ्रष्टाचारी चाहे जो भी हो उसके खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। भाजपा ने उन्हें ही पार्टी में शामिल किया है जो पार्टी के सिद्धांतों पर काम करने को तैयार हैं।

केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के सवाल पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 60 सालों तक यही काम किया है। इसीलिए उन्हें लग रहा है कि भाजपा सरकार भी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा मूल्यों की राजनीतिक करती है। 

नए राज्य के चलते ऐसा लगता है कि आपके पास वक्त कम है और चुनौतियां ज्यादा, इस सवाल पर कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में यह चुनौतियां काफी समय तक रहने वाली हैं। छह माह की सरकार में सबसे बड़ी समस्या के सवाल पर कहा कि सबसे बड़ी चुनौती स्वास्थ्य की समस्या को लेकर है। चिकित्सक नियुक्ति के बाद तैनाती स्थल पर ज्वाइन करने नहीं जाते हैं। सरकार ने टेली रेडियोलॉजी सेवा शुरू की है। यह सेवा शुरू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। इसके साथ ही जनवरी 2018 के आखिरी सप्ताह तक वैलून टेक्नोलॉजी आधारित स्वास्थ्य सेवा शुरू करने की तैयारी है।

कई ऐसे विरोधियों का साथ कर रहे हैं जो अलग-अलग पार्टियों में कैप्टन रह चुके हैं, इस सवाल पर कहा कि सब अनुभवी हैं। अच्छी तरह जानते हैं कि कप्तान एक ही होता है। एनआईएच घोटाले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जांच कराए जाने से इनकार किए जाने के सवाल पर कहा कि उनकी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इसके साथ ही समानांतर जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एनजीटी विकास के रास्ते में बाधक है, इस सवाल पर कहा कि पर्यावरण संरक्षित रखना भी जरूरी है। एनजीटी नियमों के आधार पर विकास कार्यों को शुरू कराने की अनुमति देती है।

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