उत्तरकाशी | अब इन दो रास्तों पर तेजी से हो रहा है काम, जल्द से जल्द मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश

रैट माइनिंग में चूहे की तरह की काम करना होता है। इस प्रक्रिया में सबकुछ मैनुअली होता है। इस रैट माइनिंग के लिए 5 लोगों की टीम बनाई गई है, जो सुरंग में आई बाधा को हटाने के लिए हाथ से खुदाई करेंगे।
 
 

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 16 दिनों से 41 मजदूर फंसे हैं। सुरंग में फंसी खराब ऑगर मशीन के टुकड़ों को बाहर निकाल लिया गया है और अब सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हाथों से खुदाई शुरू होगी, जिसे रैट माइनिंग यानी चूहा खनन कहा जाता है।

रैट माइनिंग में चूहे की तरह की काम करना होता है। इस प्रक्रिया में सबकुछ मैनुअली होता है। इस रैट माइनिंग के लिए 5 लोगों की टीम बनाई गई है, जो सुरंग में आई बाधा को हटाने के लिए हाथ से खुदाई करेंगे। बताया जा रहा है कि सुरंग के भीतर करीब 10 मीटर बिना किसी रुकावट के काम करने में 20 से 22 घंटे का वक्त लगेगा।

वहीं सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग भी जारी है, जानकारी के मुताबिक अब तक सुरंग के ऊपर 36 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग की जा चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू बैठक के लिए मीटिंग हॉल की तरफ रवाना। बैठक में रेस्क्यू ऑपरेशन जुड़े अधिकारियों के साथ करेंगे चर्चा।

पीएम नरेंद्र मोदी लगातार सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव मिशन में हुई प्रगति की जानकारी ले रहे है। इस बीच वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राहत और बचाव काम की निगरानी करने के लिए उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे की जगह पर पहुंचा। पीएमओ के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव एके भल्ला के साथ ही उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी मौके पर पहुंचे हैं।

पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी मंगेश घिल्डियाल पहले से ही यहां मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने तकरीबन 25 मिनट टनल में बिताने के बाद इंचार्ज ऑफिसर से जानकारी ली और वापस रवाना हो गए।

माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान के बारे में कहा कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया। जल्द मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू होगी, हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है, यह वास्तव में इस पर निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है। क्रिस कूपर ने कहा कि यह जल्दी हो सकता है या थोड़ा लंबा समय लग सकता है। अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं, तो हमें जालीदार गर्डर को काटना होगा, लेकिन हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- सिलक्यारा, उत्तरकाशी टनल में केंद्रीय एजेंसियों, सेना, प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी भी निरंतर रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं। सभी श्रमिक भाइयों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।