तो क्या इंदिरा हृद्येश बनेंगी उत्तराखंड की मुख्यमंत्री ?
सूत्रों के अनुसार हरीश रावत के खिलाफ नौ विधायकों का मोर्चा खोलने के बाद बगावत करना और कथित सीडी कांड में हरीश रावत का नाम आना हरीश रावत के खिलाफ जा सकता है। कथित सीडी कांड में सीबीआई का पूछताछ के लिए रावत को समन करना और सीबीआई के पास हरीश रावत के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की ख़बरों ने भी कांग्रेस आलाकमान को इस पर सोचने पर मजबूर किया है।
आश्वस्त है कांग्रेस
दरअसल कांग्रेस इस बात को लेकर आश्वस्त है कि 10 मई को फ्लोर टेस्ट वह आसानी से पास कर लेगी। अभी तक के गणित में अगर कोई बहुत बड़ा फेरबदल नहीं होता है तो ये गणित भी कांग्रेस के पक्ष में दिखाई दे रहा है। ऐसे में स्थिति में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार फिर से बहाल हो जाएगी। (पढ़ें – क्या है गणित ? हरीश रावत बहुमत साबित कर पाएंगे या नहीं !)
ये है विधानसभा का गणित
नौ बागी विधायकों को हटा दिया जाए तो हरीश रावत को 61 सदस्यों की संख्या पर बहुमत साबित करना होगा। कांग्रेस के पास 27 विधायक हैं तो भाजपा के विधायकों की संख्या 28 है। वहीं 6 विधायक पीडीएफ (3 निर्दलीय + 2 बसपा + 1 यूकेडी) के हैं।
61 पर साबित करना होगा बहुमत
बहुमत के लिए चाहिए – 32 विधायक
कांग्रेस – 27 + 6 (3 निर्दलीय + 2 बसपा + 1 यूकेडी) = 33 विधायक
भाजपा – 28 विधायक