देहरादून में भाजपा के विधानसभा घेराव के दौरान घायल हुए पुलिस अश्व बल के घोड़े को देखने के लिए पुलिस लाइन स्थित अस्तबल पहुंचे। मुख्यमंत्री रावत ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायल घोड़े की देखरेख व उपचार में कौताही न बरती जाय। उन्होंने कहा कि घायल घोड़े के स्वास्थ्य उपचार के लिए अन्य पशु विशेषज्ञों से भी मदद लें। उन्होंने एस.एस.पी. सदानन्द दाते को निर्देश दिए कि चैन्नई व तमिलनाडू में जो पशु चिकित्सालय है, आवश्यकता पडने पर घायल घोडे के स्वास्थ्य उपचार हेतु भी वहा से मदद ली जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बेजुबान घोड़े के चेहरे में तकलीफ साफ झलक रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल को इस तरह से अपनी निराशा किसी बेजुबान पर वार करने नही करनी चाहिए थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि घोड़े के स्वास्थ्य उपचार पर होने वाला व्यय राज्य सरकार वहन करेगी। गौरतलब है कि यह घोड़ा 9 नवम्बर की परेड में भी शामिल हुआ था। (पढ़ें- असहिष्णुता | भाजपा विधायक ने तोड़ी घोड़े की टांग)
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