कांग्रेस के बागी विधायकों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत नोटिस जारी
उत्तराखंड में मचे सियासी घमासान के बीच विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को दल-बदल विरोधी कानून के तहत नोटिस जारी किया। गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने सराकर के खिलाफ बगावत के सुर अपनाते हुए विधानसभा के अंदर विपक्षी पार्टी भाजपा के सुर में सुर में मिलाए थे। इसके बाद ये बागी विधायक भाजपा विधायकों के साथ राज्यपाल डॉ. केके पॉल से भी मिले थे। ये सभी मुख्यमंत्री हरीश रावत का इस्तीफा मांग रहे हैं। हरक सिंह रावत और बहुगुणा ने तो हरीश रावत पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लगाते मुख्यमंत्री से इस्तीफे की तक मांग कर डाली। (पढ़ें –संकट में रावत सरकार लेकिन हरीश रावत ने किया बहुमत होने का दावा) देर रात सभी विधायक भाजपा विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए थे, जहां पर ये सभी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिंल सकते हैं।
वहीं भाजपा ने सरकार बनाने के साथ ही चुनाव के लिए तैयार होने की बात कहते हुए हरीश रावत से इस्तीफा देने की मांग की है। भाजपा का दावा है कि रावत सरकार अल्पमत में है और रावत को इस्तीफा दे देना चाहिए। शुक्रवार को भी राज्यपाल से भाजपा ने रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी। (पढ़ें –चुनाव के लिए भी तैयार हैं और सरकार बनाने के लिए भीः BJP)
हालांकि इस सब के बाद भी हरीश रावत झुकने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। रावत का दावा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। साथ रावत मे कहा है कि मेरे लिए राज्य का हित पहले है, दबाव में झुकूंगा नहीं। साथ ही रावत ने कहा है कि बागी विधायकों को कोई आपत्ति थी तो उन्हें राज्यपाल या विधानसभा अध्यक्ष से बात करनी चाहिए थी। रावत ने कहा कि हमने बागी विधायकों को माफी मांगने और गलती स्वीकार करने का वक्त दिया है। साथ ही रावत ने दावा किया है कि अभी 4-5 विधायक हमारे संपर्क में हैं, अगर वह अपनी गलती स्वीकार करें तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। (पढ़ें-मेरे लिए राज्य का हित पहले है, दबाव में झुकूंगा नहीं: हरीश रावत)