BJP का दावा- फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के कुछ विधायक करेंगे बगावत
कैलाश विजयवर्गीय़ का भरोसे के साथ ये कहना सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर बीजेपी ने ऐसे क्या किया है कि बीजेपी को भरोसा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक बहुमत परीक्षण के दौरान बगावत का झंडा बुलंद करेंगे। जाहिर है बीजेपा का ये दावा ईशारा करता है कि कांग्रेस के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं। (पढ़ें-बागियों का खेल खत्म, हरीश रावत फिर बनेंगे मुख्यमंत्री !)
गौरतलब है कि हरीश रावत और कांग्रेस कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि कैलाश विजयवर्गीय शार्प शूटर हैं औऱ बीजेपी ऩे उन्हें उत्तराखंड में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए ही भेजा है। हालांकि कैलाश विजयवर्गीय ने हरीश रावत के आरोप का जवाब देते हुए कहा था कि वे तो उत्तराखंड सरकार के व चारधाम यात्रा के विज्ञापन देखकर प्रदेश में आए हैं। वैसे कैलाश विजयवर्गीय आज केदारनाथ कपाट खोले जाने के अवसर पर भगवान केदारनाथ के दर्शन भी कर आए हैं। (पढ़ें-सबसे बड़ा इम्तिहान | ये दो घंटे तय करेंगे ‘हरदा’ का राजनीतिक भविष्य)
बहरहाल बागी विधायकों को हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगने के बाद फिलहाल मजबूत स्थिति में दिख रहे हरीश रावत मंगलवार को फ्लोर टेस्ट पास कर पाते हैं या फिर नहीं इसका खुलासा तो बुधवार को होगा जब विश्वास मत का नतीजा सबके सामने आएगा।
ये है विधानसभा का गणित
बागी विधायकों को सर्वोच्च न्यायलय से भी राहत ना मिलने के बाद 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में 61सदस्यों के आधार पर वोटिंग होगी, जिससे बहुमत का आंकड़ा 32 हो जाएगा। इस वक्त कांग्रेस के 27 विधायक हैं और बीजेपी के पास 28 विधायक, जबकि 6 विधायक पीडीएफ (3 निर्दलीय, 2 बसपा, 1 यूकेडी) के हैं। जिन पर सारा दारोमदार है। अभी तक की स्थिति के हिसाब से देखें तो पीडीएफ ऐलान कर चुका है कि वो हरीश रावत के साथ है। वहीं बीजेपी के एक विधायक भीमलाल आर्य भी हरीश रावत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। एक दिन में कुछ बहुत बड़ी राजनीतिक ऊठापटक नहीं हुई तो इस स्थिति में कांग्रेस के 27 और पीडीएफ के 6 विधायक मिलाकर ये संख्या 33 हो जाती है, जो बहुमत (32) के आंकड़े से ज्यादा है। मतलब इस स्थिति में हरीश रावत आसानी से विश्वास मत हासिल कर सकते हैं।