31 मार्च को होगा दूध का दूध और पानी का पानी : अंबिका सोनी

उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। सोनी ने कहा कि उत्तराखंड के राज्यपाल ने दो बार लिखित में रावत सरकार को विधानसभा में विश्वासमत साबित करने की बात कही थी लेकिन आजाद भारत में पहली बार विश्वास मत हासिल करने से
 

उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। सोनी ने कहा कि उत्तराखंड के राज्यपाल ने दो बार लिखित में रावत सरकार को विधानसभा में विश्वासमत साबित करने की बात कही थी लेकिन आजाद भारत में पहली बार विश्वास मत हासिल करने से 24 घंटे पहले राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। सोनी ने कहा कि अब 31 मार्च को जब विश्वासमत पर वोट पड़ेंगे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। (पढ़ें-हरीश रावत ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत, कहा- साबित करेंगे बहुमत)

कांग्रेस मुक्त भारत के लिए लड़ें चुनाव

भाजपा औऱ प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि एक गलत काम करो तो बहुत से गलत काम करने पड़ते हैं। आप कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं, तो चुनाव लड़ें, पांच राज्यों के चुनाव आ रहे हैं। तंज कसते हुए अंबिका सोनी ने कहा कि आप बिहार में भी तो चुनाव लड़े थे। (पढ़ें-हरीश रावत को कोर्ट से बड़ी राहत, 31 मार्च को साबित करना होगा बहुमत)  (पढ़ें-हरीश रावत ने गिराया उत्तराखंड का मान : खंडूरी)

बागियों को वोटिंग के अधिकार पर लेंगे कानूनी राय

कांग्रेस के बागियों को 31 मार्च को विश्वास मत के दौरान वोटिंग का अधिकार देने पर अंबिका सोनी ने कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में अलग से इसका जिक्र किया है, जो हमें समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सिर्फ सदस्य ही अंदर जा सकते हैं, हम इस पर कानूनी सलाह ले रहे हैं। सोनी ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बैंच ने कहा है कि विधानसभा के अंदर स्पीकर की बात आखिरी होती है और उसके आदेश पर कोई सवाल नहीं उठा सकता है। (पढ़ें-स्पीकर के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे बागी कांग्रेसी)

सुलझा लेंगे आपसी मतभेद

वहीं उत्तराखंड कांग्रेस में मतभेद पर बोलते हुए सोनी ने कहा कि कांग्रेस के अंदर कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन कोई आईडोलॉजिकल मतभेद नहीं है, अगल हैं भी तो कांग्रेस उसको सुलझा लेगी या जिन्हें मतभेद है वो अपना रास्ता देखेंगे, जैसे इन नौ विधायकों ने किया। सोनी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आखिर भाजपा को क्या जरूरत पड़ी थी कि इन नौ बागियों को एक बस में बैठाकर राज्यपाल के पास गए। (पढ़ें-हरीश ऱावत के विश्वासमत से पहले उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू)