आपदा पुनर्निर्माण पैकेज का बकाया 3997 करोड़ रूपया दे केन्द्र : CM रावत

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आपदा पुनर्निर्माण पैकेज का बकाया 3997 करोड़ रूपया दे केन्द्र : CM रावत

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगडि़या को पत्र लिखकर केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत आपदा पुनर्निर्माण पैकेज के तहत बकाया भुगतान 3997 करोड़ 37 लाख रूपए अवमुक्त करने की मांग की है। साथ ही पत्र में रावत ने 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से उत्तराखण्ड को हो रहे नुकसान


मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगडि़या को पत्र लिखकर केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत आपदा पुनर्निर्माण पैकेज के तहत बकाया भुगतान 3997 करोड़ 37 लाख रूपए अवमुक्त करने की मांग की है। साथ ही पत्र में रावत ने 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से उत्तराखण्ड को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए 448 करोड़ रूपए की एकमुश्त सहायता की संस्तुति करने का अनुरोध भी किया है।

 

पढ़ें- मुख्यमंत्री ने पत्र में क्या लिखा-

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि वर्ष 2013 की आपदा के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन उत्तराखण्ड ने कुल मिलाकर 6089 करोड़ 2 लाख रूपए का पैकेज स्वीकृत किया था। परंतु अभी तक केवल एसपीए-आर के तहत स्वीकृत 1100 करोड़ रूपए के सापेक्ष 776 करोड़ 22 लाख रूपए, सीएसएस-आर के तहत स्वीकृत 1884 करोड़ 92 लाख रूपए के सापेक्ष 661 करोड़ 31 लाख रूपए व ईएपी-आर के तहत स्वीकृत 3104 करोड़ 10 लाख रूपए के सापेक्ष 654 करोड़ 12 लाख रूपए की धनराशि ही अवमुक्त की गई है। इस प्रकार अभी तक कुल मिलाकर केवल 2091 करोड़ 65 लाख रूपए की राशि ही अवमुक्त की गई है, जबकि 3997 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि अवमुक्त होना बाकी है। उक्त तीन मदों के तहत तीन वर्षों में पुनर्निर्माण कार्य के क्रियान्वयन के लिए सहायता राशि स्वीकृत की गई थी। तीन वर्षों में स्वीकृत व वास्तविक रूप से अवमुक्त धनराशि में काफी बड़ा अंतर आ गया है। इसे देखते हुए न केवल बकाया धनराशि को जल्द से जल्द अवमुक्त किया जाना है बल्कि पैकेज के तहत दी गई समयावधि को भी विस्तारित किया जाना होगा।

मुख्यमंत्री रावत ने पनगडि़या से 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से उत्तराखंड को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए 448 करोड़ रूपए की एकमुश्त सहायता की संस्तुति किए जाने का भी अनुरोध किया है। अपने पत्र में मुख्यमंत्री श्री रावत ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि  है कि 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से उत्तराखण्ड को नुकसान हुआ है। वर्ष 2015-16 के केंद्रीय बजट में 20 हजार करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया था। राज्य सरकार द्वारा 14 वें वित्त आयोग से हो रही कठिनाईयों की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करने पर केंद्र सरकार ने नवम्बर 2015 में एकमुश्त सहायता स्वीकृत की थी। इस पर राज्य सरकार ने एसपीए प्राजेक्ट के बचे कार्यों की सूची नीति आयोग में प्रस्तुत की थी। ये अवशेष कार्य उन एसपीए प्रोजेक्ट से संबंधित थे जिन्हें कि भारत सरकार ने पहले की वार्षिक योजनाओं में अनुमोदित किया था। इनकी वित्तीय व भौतिक प्रगति से संबंधित सभी प्रकार की सूचनाएं व उपयोगिता प्रमाण पत्र नीति आयोग को पहले ही भेजी जा चुकी हैं।

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