शहीद हंगपन दादा को अशोक चक्र, पढ़ें- रोंगटे खड़े कर देने वाली शौर्य गाथा

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शहीद हंगपन दादा को अशोक चक्र, पढ़ें- रोंगटे खड़े कर देने वाली शौर्य गाथा

68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सेना के वीर जवान शहीद हवलदार हंगपनदादा को मरणोपरांत शांतिकाल का सर्वोच्च सैनिक सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost शहीद हंगपनदादा की पत्नी चासेंग लोवांग दादा ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों यह


शहीद हंगपन दादा को अशोक चक्र, पढ़ें- रोंगटे खड़े कर देने वाली शौर्य गाथा

68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सेना के वीर जवान शहीद हवलदार हंगपनदादा को मरणोपरांत शांतिकाल का सर्वोच्च सैनिक सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

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शहीद हंगपनदादा की पत्नी चासेंग लोवांग दादा ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों यह सम्मान स्वीकार किया। शहीद हंगपन दादा अरुणाचल प्रदेश के बोदुरिया गांव के रहने वाले थे। वे 1997 में आर्मी की असम रेजीमेंट के जरिए आर्मी में शामिल हुए थे, बाद में 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात किए गए।

शहीद हंगपन दादा को अशोक चक्र, पढ़ें- रोंगटे खड़े कर देने वाली शौर्य गाथा

चार आतंकियों को मार गिराया था |  हंगपन दादा 26 मई को कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। इस हमले में हंगपन दादा के नेतृत्व में 13000 की फीट की ऊंचाई पर चार आतंकियों को ढेर कर दिया था।  कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्‍टर में चार आतंकियों को घुसपैठ करते हुए देखा गया। उन पर लगातार नजर रखी जा रही थी। साबू पोस्‍ट पर तैनात हंगपन दादा को सूचित किया गया कि मीरा नार से साबू की तरफ चार आतंकियों की ‘हरकत’ देखी गई है। दादा को उनकी टीम के साथ मीरा नार की तरफ से निकल भागने वाले रूट को ब्‍लॉक करने को कहा गया। इसके बाद आतंकियों पर फायरिंग की गई। दादा आगे बढ़े और उन्‍होंने छिपे एक आतंकी को ढेर कर दिया। इसके बाद दादा ने अपने साथी से कहा कि मैं आगे जाता हूं, तुम मुझे सपोर्ट फायर देना। इसके बाद उन्‍होंने आगे बढ़ते हुए दूसरे आतंकी को भी खत्‍म कर दिया, इसके बाद टीमें दो टोली में बंट गई। इनमें एक हंगपन दादा की टोली थी, हवलदार दादा ने सबसे पहले लीड करते हुए तीसरे आतंकी को सामने से मार गिराया। लेकिन जब वे और आगे बढ़े तो चौथे आतंकी ने उन्‍हें पेट में गोली मार दी। थोड़ी देर बाद वे पेट पकड़कर दोबारा हिम्‍मत जुटाते हुए दोबारा खड़े होने की कोशिश की, लेकिन उन्‍हें दोबारा आतंकी की गोली लगी, उनकी इस कार्रवाई से चौथे आतंकी को भी ढेर कर दिया गया।

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