योग और आयुर्वेद को लेकर बाबा रामदेव शुरू करने जा रहे है कुछ नया, पढें पूरी खबर

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योग और आयुर्वेद को लेकर बाबा रामदेव शुरू करने जा रहे है कुछ नया, पढें पूरी खबर

हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) रामदेव की पतंजलि योगपीठ योग और प्राणायाम के साथ अब विश्वभर से अनुसंधान के क्षेत्र में भी जुड़ रही है। भारत के अलावा दुनियाभर में फैली जड़ी बूटियों को संग्रहित करने के लिए विश्व के अनेक देशों के साथ एमओयू साइन किए जाएंगे। शनिवार को आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि भारत के


योग और आयुर्वेद को लेकर बाबा रामदेव शुरू करने जा रहे है कुछ नया, पढें पूरी खबर

हरिद्वार (उत्तराखंड पोस्ट) रामदेव की पतंजलि योगपीठ योग और प्राणायाम के साथ अब विश्वभर से अनुसंधान के क्षेत्र में भी जुड़ रही है। भारत के अलावा दुनियाभर में फैली जड़ी बूटियों को संग्रहित करने के लिए विश्व के अनेक देशों के साथ एमओयू साइन किए जाएंगे।

शनिवार को आचार्य बालकृष्ण ने  बताया कि भारत के प्रयासों से योग को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिल जाने के बाद पूरे विश्व में योग के प्रति आकर्षण बढ़ा है। साथ ही भारतीय आयुर्वेद की मांग भी बढ़ती जा रही है।दुनिया की प्राच्य विद्याओं का भी भारत की विद्याओं के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।पश्चिमी देशों के साथ साथ पूर्व के देशों ने भी आयुर्वेद की जानकारी हासिल की है। इसके अलावा कला, संस्कृति, परंपरा, शिक्षा, प्राच्य विद्या आदि का समन्वित पाठ्यक्रम तैयार करने पर बल दिया गया है। आचार्य ने बताया कि पहले ही दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों में पतंजलि की ओर से तैयार योग पाठ्यक्रम पढ़ाएं जा रहे हैं।

हाल ही में चीन ने योग में भारी रुचि ली है। उसके साथ उन सभी देशों में भी योग और आयुर्वेद के प्रति जागरूकता उत्पन्न हुई है, जो कभी कम्युनिज्म से जुड़े हुए थे।जड़ी बूटियां केवल भारत में ही नहीं होती, बल्कि तमाम दुनिया में जड़ी बूटियां पाई जाती है। विशेष बात यह है कि भारत ऐसा अकेला ऐसा देश है जिसने आयुर्वेद पर सबसे पहले काम किया और जानकारी हासिल की। दुनियाभर की जड़ी बूटियों का एक ग्रंथ एनसाइक्लोपीडिया के रूप में पतंजलि योगपीठ ने तैयार किया हैयोग और आयुर्वेद को लेकर बाबा रामदेव शुरू करने जा रहे है कुछ नया, पढें पूरी खबर

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि योग और आयुर्वेद के साथ अनुसंधान को जोड़कर अनेक विधाओं की खोज की जा रही है। इन दोनों के साथ पहले अनुसंधान नहीं जुड़ा हुआ था। परिणामस्वरूप योग और आयुर्वेद के प्राचीन मूल्य ही चले आ रहे थे।स्वामी रामदेव के साथ मिलकर उन्होंने योग के क्लीनिकल ट्रायल्स के माध्यम से योग का दुनिया भर में प्रचार किया। उसी प्रकार पतंजलि में स्थापित विश्वस्तरीय अनुसंधान केंद्र में जड़ी बूटियों पर व्यापक शोध किया जा रहा है।

शोध के इस कार्य का अवलोकन अनेक देशों के वैज्ञानिकों ने यहां आकर किया। उन सभी ने आयुर्वेद का लोहा माना। पतंजलि का प्रयास है कि चीन के साथ साथ दुनिया के कुछ अन्य देशों के साथ ही अनुसंधान के कार्य को आगे बढ़ाया जाए। साथ ही जो जड़ी बूटियां भारत में कम मिलती हैं, उनकी खोज दुनिया के अन्य देशों में की जाए।  इसका लाभ अब पूरे विश्व को मिलेगा।

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