अपने ही सिपाही से घिरे सेनापति, सेना का क्या होगा ?
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव इस बार रोचक स्थिति में पहुंच गया है। उत्तराखंड के दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के सेनापति अपने ही सिपाहियों से घिर गए हैं। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost इस चुनाव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय गढ़वाल की सहसपुर
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव इस बार रोचक स्थिति में पहुंच गया है। उत्तराखंड के दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के सेनापति अपने ही सिपाहियों से घिर गए हैं। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App –https://play.google.com/store/apps/details?id=app.uttarakhandpost
इस चुनाव में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय गढ़वाल की सहसपुर विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं।
पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के सामने उनकी ही पार्टी के नाता आर्येंद्र शर्मा टिकट न मिलने पर बगावत का झंडा बुलंद कर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सामने भी उनकी ही पार्टी के प्रमोद नैनवाल टिकट न मिलने पर बागी होकर चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
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नाम वापसी से पहले तक कांग्रेस और भाजपा ने इन्हें मनाने का जोर तो पूरा लगाया लेकिन दोनों ही पार्टियों की कोशिश सफल नहीं हो पाई। किशोर और अजय भट्ट के लिए चिंता की बात ये है कि दोनों ही बागी अपने-अपने क्षेत्र में अच्छी पैठ रखते हैं और चुनाव जीतने की स्थिति में भले ही न आ पाएं लेकिन इतने वोट जरुर बटोर सकते हैं जिससे इन दोनों पार्टियों के सेनापतियों की जीत पर ग्रहण लग सकता है।
बहरहाल चुनावी मैदान सज चुका है और अपनी –अपनी जीत के दावे किए जा रहे हैं, ऐसे में इन दावों में कितना दम है, ये तो 11 मार्च को चुनावी नतीजे आने पर साफ हो ही जाएगा।
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