निर्दोष हैं तो स्टिंग पर बहस से क्यों घबरा रहे हैं मुख्यमंत्री: भट्ट

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निर्दोष हैं तो स्टिंग पर बहस से क्यों घबरा रहे हैं मुख्यमंत्री: भट्ट

विधायकों की कथिक खरीद-फरोख्त वाले मुख्यमंत्री हरीश रावत की कथित स्टिंग सीडी को लेकर भाजपा रावत का पीछा छोड़ने के मूड में नहीं है। एक बार फिर से उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने आज मुख्यमंत्री हरीश रावत को स्टिंग आपरेशन प्रकरण पर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें नैतिक साहस


विधायकों की कथिक खरीद-फरोख्त वाले मुख्यमंत्री हरीश रावत की कथित स्टिंग सीडी को लेकर भाजपा रावत का पीछा छोड़ने के मूड में नहीं है। एक बार फिर से उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने आज मुख्यमंत्री हरीश रावत को स्टिंग आपरेशन प्रकरण पर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें नैतिक साहस है तो इस मुद्दे पर सबके सामने चर्चा करें।

स्टिंग पर बहस की चुनौती | भट्ट ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री रावत में थोडी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें देहरादून के गांधी पार्क या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर आना चाहिये और आम जनता और मीडिया के सामने स्टिंग आपरेशन पर बहस करनी चाहिए। भट्ट ने कहा कि रावत के कारनामे एक नहीं बल्कि चार-चार स्टिंग ऑपरेशन में कैद है।

सीबीआई जांच से भाग रहे हैं रावत |  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने हरीश रावत से सवाल किया कि यदी वे निर्दोष हैं तो सीबीआई की जांच से क्यों भाग रहे हैं। पहले रावत स्टिंग ऑपरेशन से इंकार करते रहे, फिर उन्होंने कहा कि स्टिंग में उनकी आवाज नहीं है। फिर बाद में पत्रकार से मुलाकात की बात मान ली। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार की एक मंत्री से ही मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता कराकर सीबीआई जांच रोकने का प्रस्ताव पारित करा दिया। भट्ट ने कहा कि ये घटनाक्रम इस बात का परियाचक है कि दाल में बहुत कुछ काला है। यही रावत अपने को निर्दोष मानते हैं तो उन्हें सीबीआई जांच का सामना करना चाहिए और वहां अपने को निर्देष सिद्ध करना चाहिए। लेकिन वह ऐसा ना करके लोगों की सहानुभूति लेने के लिए अजीब-अजीब बयान देते हैं और अब उन्होंने बंद कमरे में सफाई देने का कदम उठाया है, जो किसी के गले नहीं उतर रहा है।

जख्मों पर छिड़क रहे नमक | अजय भट्ट ने कहा कि जुगाड़ से चल रही रावत की सरकार को जनता के हितों की चिंता नहीं है, परंतु रोज नए खेल – तमाशे करती रहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश गंभीर आपदा से गुजर रहा है और सरकार का ध्यान उससे निपटने की ओर नहीं है। आज भी जनता बेहाल है और मुख्यमंत्री का हाल ये है कि वे सरकार की ओर से लोगों को सहायता तो दे नहीं पा रहे हैं उल्टा वे पीड़ितों को सलाह दे रहे हैं कि आपदाग्रस्त लोग अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर ठहर जाएं। यह तो पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

भट्ट ने कहा कि रावत और उनके साथी केंद्र सरकार के खिलाफ बयानबाडी से तो बाज नहीं आते लेकिन केंद्र से सहायता के लिए जो आगणन तैयार होने चाहिए उनकी ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। यह राज्य सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता का प्रमाण है।

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