किराया मीटर मामले में कैबिनेट मंत्री पंत ने दी ऑटो संचालको को बड़ी राहत

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किराया मीटर मामले में कैबिनेट मंत्री पंत ने दी ऑटो संचालको को बड़ी राहत

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) दून में ऑटो संचालकों की लूट-खसोट बंद करने के आदेश पर परिवहन विभाग ही बैकफुट पर आ गया। ऑटो संचालको ने फैसले का विरोध करते हुए सुबह ही कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के दरबार जा पहुंचे और किराया मीटर प्रणाली को आगे खिसकाने की मांग की। संचालकों ने मंत्री को बताया कि पहले


किराया मीटर मामले में कैबिनेट मंत्री पंत ने दी ऑटो संचालको को बड़ी राहत

देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) दून में ऑटो संचालकों की लूट-खसोट बंद करने के आदेश पर परिवहन विभाग ही बैकफुट पर आ गया। ऑटो संचालको ने फैसले का विरोध करते हुए सुबह ही कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के दरबार जा पहुंचे और किराया मीटर प्रणाली को आगे खिसकाने की मांग की।

संचालकों ने मंत्री को बताया कि पहले उनका किराया बढ़ाया जाए, फिर मीटर पर फैसला हो। इसके बाद कैबिनेट मंत्री ने परिवहन सचिव को निर्देश दिए कि चालकों के हितों की अनदेखी ना की जाए। जिसके बाद परिवहन विभाग भी बैकफुट पर आ गया और मीटर प्रणाली में एक माह की छूट दे दी गई।

संभागीय परिवहन प्राधिकरण के सचिव व आरटीओ सुधांशु गर्ग ने बताया कि अब पंद्रह मई को राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में ऑटो का प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाने पर फैसला होगा। उसके बाद मीटर प्रणाली लागू की जाएगी। तब तक चालकों को एक माह की अस्थायी मोहलत दी गई है। ऑटो को एक माह अस्थायी फिटनेस प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। मीटर प्रणाली अब एक जून से लागू मानी जाएगी। बता दें कि, दून में स्मार्ट सिटी के मद्देनजर संभागीय प्राधिकरण ने 20 फरवरी को हुई बैठक में दून शहर में डीजल-पेट्रोल ऑटो परमिट न देने और यहां इलेक्टिक व बैटरी संचालित ऑटो चलाने को मंजूरी दी थी। किराये की लूट-खसोट के मद्देनजर ऑटो में एक मई से किराया मीटर लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया था। ऑटो संचालक फैसले का तभी से विरोध कर रहे हैं।

किराया मीटर मामले में कैबिनेट मंत्री पंत ने दी ऑटो संचालको को बड़ी राहत

कभी मंत्री, कभी विधायक, कभी सचिव परिवहन के दरबार में दस्तक देते रहे ऑटो संचालकों को विभाग ने एक राहत यह दी थी कि डीजल-पेट्रोल ऑटो के परमिट के नवीनीकरण का समय एक मई से बढ़ा एक जुलाई कर दिया था। साथ ही इलेक्टिक व बैटरी के अलावा एलपीजी ऑटो भी मंजूर कर लिए गए, लेकिन किराया मीटर में कोई रियायत नहीं दी गई। चूंकि, मामला जनता के हितों का है लिहाजा विभाग एक मई से मीटर प्रणाली लागू करने पर अडिग दिखाई दे रहा था। (उत्तराखंडपोस्ट के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैंआप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

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