उत्तराखंड पर्यटन | सुकून चाहिए तो जनाब चकराता आइए

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उत्तराखंड पर्यटन | सुकून चाहिए तो जनाब चकराता आइए

चकराता (देहरादून) [सुचिता तिवारी] उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 95 किलोमीटर दूरी पर बसी यह मनोहारी जगह अपनी शांति भरे वातावरण और मनोरम घने जंगलों के लिए जानी जाती है। भीड़भाड़ से दूर यह जगह एडवेंचर पंसद लोगों की पहली पसंद है। हिमाचल की सीमा पर होने कारण चकराता की संस्कृति में हिमाचली संस्कृति की


चकराता (देहरादून) [सुचिता तिवारी] उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 95 किलोमीटर दूरी पर बसी यह मनोहारी जगह अपनी शांति भरे वातावरण और मनोरम घने जंगलों के लिए जानी जाती है। भीड़भाड़ से दूर यह जगह एडवेंचर पंसद लोगों की पहली पसंद है।

हिमाचल की सीमा पर होने कारण चकराता की संस्कृति में ‌हिमाचली संस्कृति की झलक भी मिलती है। यहां के लोग मेहमान नवाज़ी में कोई कसर नहीं छोड़ते।

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यहां की मार्केट

चकराता की मार्केट छोटी सी लेकिन सुंदर है और यहां अखरोट की अच्छी वैरायटी मिलती है। शाम के वक्त बैठने के लिए यहां एक जगह भी बनायी गई है जहां पर लोग अक्सर धूप सेंकते हुए मिल जाएंगे। यहां की गर्मियों में भी ठिठुरा देने वाली ठंड होती है।

एशिया का सबसे चौड़ा और ऊंचा देवदार का पेड़ भी यहां मौजूद है। यह पेड़ इतना ऊंचा है कि जिसे देखने में आपकी गर्दन में दर्द हो सकता है। चकराता में आप गर्मा-गर्म मोमोज व नूडल्स का मजा ले सकते हैं, जो आपको जगह-जगह मिल जाएंगे।

कहां घूमें

टाइगर फॉल

घूमने के लिहाज से चकराता से करीब 17 किमी की दूरी पर टाइगर फॉल बेहद सुंदर जगह है। इस झरने से टाइगर के गुर्राने जैसी आवाज आती है। इसीलिए इसका नाम टाइगर फॉल पड़ गया। यह फॉल इतना सुंदर है कि यहां से वापस आने का ही मन न करे। टाइगर फॉल तक पहुंचने के लिए आपको सड़क से करीब डेढ़ किमी पैदल खड़ी ढ़लान पर उतरना होगा।

कानासर

जो पर्यटक प्रकृति प्रेमी हैं और चकराता अपने आप में अनूठी सुंदरता समेटे हुए है। इस वीकेंड अगर आपके पास कोई प्लानिंग नहीं तो आप यहां का रुख कर स‌कते हैं।

अगर आप प्रकृति की सुंदरता को बेहद करीब से देखना चाहते हैं तो आपके लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। ऊंची पहाड़ियों और घने बरसाती जंगलों से घिरे कानासर की शांति भी अपने आप में बहुत कुछ कहती है।

लाखमंडल

लाखंमडल का अपना पौराणिक महत्व है। माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों को जलाकर मारने के लिए यहीं पर लाक्षागृह बनवाया गया था। यहां पांडवों, परशुराम, केदार और दिवा को समर्पित अनेक मंदिर भी बने हुए हैं। भीम और अर्जुन की आकृति को यहां बेहद खूबसूरती से पत्थर पर उकेरा गया है।

कैसे पहुंचें

यहां से सबसे नजदीकी शहर विकासनगर है। विकासनगर से चकराता करीब 55 किमी की दूरी पर है। देहरादून की आईएसबीटी रोड स्थित मंडी से प्राइवेट बस ले‌कर आप विकासनगर जा सकते हैं। उसके बाद यहां से प्राइवेट टैक्सी से आप महज दो घंटे में चकराता की खूबसूरत वा‌दियों के बीच पहुंच सकते हैं।

अगर आप हवाई जहाज से यहां पहुंचना चाहते हैं तो देहरादून में ही जॉलीग्रांट हवाई अड्डा भी है।

कहां ठहरें

यदि आप यहां रुकना चाहते हैं तो फोरेस्ट रेस्ट हाउस सबसे उम्दा जगह है बशर्ते आपको उसमें कमरा  मिल जाए। जी हां, सैलानियों की अधिकता के कारण यहां कमरे मिलना मु‌श्किल होता है। यह चकराता से 26 किलोमीटर दूर चकराता—ट्यूनी मार्ग पर है।

चकराता अपने आप में अनूठी सुंदरता समेटे हुए है। तो इस वीकेंड अगर आपके पास कोई प्लानिंग नहीं तो आप यहां का रुख कर स‌कते हैं।

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