चीन ने फिर जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया, वीटो पावर का किया इस्तेमाल

  1. Home
  2. Country

चीन ने फिर जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया, वीटो पावर का किया इस्तेमाल

न्यूयार्क (उत्तराखंड पोस्ट) जैश सरगना मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में चौथी बार चीन रोड़ा बन गया है। चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया, इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है। पिछले दस साल में यह चौथा मौका है, जब चीन ने


चीन ने फिर जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया, वीटो पावर का किया इस्तेमाल

न्यूयार्क (उत्तराखंड पोस्ट) जैश सरगना मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में चौथी बार चीन रोड़ा बन गया है। चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया, इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है। पिछले दस साल में यह चौथा मौका है, जब चीन ने अपने स्वार्थ के चलते मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन के रवैये से निराशा हुई। आतंकियों के खिलाफ हमारी कोशिशें जारी रहेंगी। भारत ने प्रस्ताव लाने और उसका समर्थन करने वाले देशों को धन्यवाद कहा है।

यूएन में एक राजनयिक ने बताया कि चीन ने प्रस्ताव को ‘टेक्निकल होल्ड’ पर रख दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका 27 फरवरी को लाए थे। समिति के सदस्यों को इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कार्यदिवस की समयसीमा दी गई थी। यह अवधि आईएसटी समयानुसार बृहस्पतिवार सुबह 12.30 बजे खत्म हो रही थी लेकिन इसके खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव को होल्ड कर दिया।

राजनयिक का कहना है कि चीन ने प्रस्ताव की समीक्षा के लिए और वक्त की मांग की है। समिति अपने फैसले सदस्यों की आम सहमति से लेती है। समिति के नियमों के अनुसार, यदि अनापत्ति अवधि तक र्कोई आपत्ति नहीं आती है तो प्रस्ताव स्वीकार मान लिया जाता है।

चीन ने फिर जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाया, वीटो पावर का किया इस्तेमाल

चीन के नापाक मंसूबों का पता समिति की बैठक से ठीक पहले ही लग गया था, जब उसने पुलवामा समेत कई आतंकी हमलों के गुनहगार मसूद के खिलाफ भारत से और सुबूत की मांग की थी। उसे  प्रस्ताव को रोकने के लिए चीन ने पैंतरा चलते हुए कहा था कि इस मुद्दे का ऐसा समाधान होना चाहिए, जो सभी पक्षों को स्वीकार्य हो।

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के साथ चीन को वीटो की ताकत हासिल है। इनमें से अगर कोई भी देश किसी प्रस्ताव के खिलाफ वीटो लगा देता है तो वह प्रस्ताव खारिज हो जाता है।

हमें ट्विटर पर फॉलो करेंhttps://twitter.com/uttarakhandpost

हमारा फेसबुक पेज लाइक करें – https://www.facebook.com/Uttrakhandpost/

uttarakhand postपर हमसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक  करे , साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार ) के अपडेट के लिए हमे गूगल न्यूज़  google newsपर फॉलो करे