प्रेम विवाह करने पर घरवालों ने जिंदा बेटी का किया अंतिम संस्कार

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प्रेम विवाह करने पर घरवालों ने जिंदा बेटी का किया अंतिम संस्कार

झाबुआ (उत्तराखंड पोस्ट) मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक परिवारवालों ने अपनी जिंदा बेटी की अर्थी निकालकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जिंदा लड़की के अंतिम संस्कार में सिर्फ उसका परिवार ही नहीं बल्कि उसके रिश्तेदार और पूरा गांव भी शामिल हुआ। दरअसल झाबुआ के बोरी गांव में रहने वाले बरिया परिवार की लड़की


झाबुआ (उत्तराखंड पोस्ट) मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में एक परिवारवालों ने अपनी जिंदा बेटी की अर्थी निकालकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जिंदा लड़की के अंतिम संस्कार में सिर्फ उसका परिवार ही नहीं बल्कि उसके रिश्तेदार और पूरा गांव भी शामिल हुआ।

दरअसल झाबुआ के बोरी गांव में रहने वाले बरिया परिवार की लड़की कुसुम (20 वर्ष) 27 अक्टूबर को लापता हो गई थी। घरवालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने बताया कि कुसुम घर से कॉलेज जाने की बात कहकर निकली थी और फिर घर नहीं लौटी। जब उसके कॉलेज के दोस्तों से पूछताछ की गई तो उसका पता चला। उसने अलीराजपुर जिले के भाभरा गांव निवासी नानू डांगी के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। दोनों के प्रेम संबंध कॉलेज में पढ़ने के दौरान हो गए थे।

पुलिस कुसुम को पकड़कर एसडीएम की कोर्ट में लाई। यहां उसने बयान दिया कि वह नानू से शादी कर चुकी है और उसी के साथ रहेगी। उसने अपने बालिग होने के दस्तावेज भी कोर्ट को दिए। उसे एसडीएम ने नानू के साथ भेज दिया लेकिन कुसुम के परिवार को यह बर्दाश्त नहीं हुआ।

कुसुम की बहन शामू ने बताया, ‘हमारे चाचा ने परिवार से कहा कि कुसुम के अंतिम संस्कार की तैयारी करो क्योंकि वह हम लोगों के लिए मर चुकी है।’ उन्होंने कहा कि उसे हम लोगों ने कॉलेज पढ़ने के लिए भेजा था इसलिए नहीं कि वह किसी नीची जाति के लड़के से शादी कर ले।

घरवालों ने सभी रिश्तेदारों और गांव में कुसुम के मरने की सूचना भेज दी। उनके घर में शोक जताने वालों का जमावड़ा लग गया। एक चिता बनाई गई और कुसुम की तस्वीर इस चिता पर रखी गई। उसकी किताबें, कपड़े और सारा सामान भी चिता में रखकर बांध दिया गया।

फूल माला पहनाकर घरवाले कुसुम की चिता पर रोए। उसकी चिता कंधे पर उठाकर पूरे गांव में घुमाया गया और फिर श्मशान में उसकी इस चिता को आग लगा दी गई। कुसुम की घर पर जितनी भी तस्वीरें थीं उन्हें भी जला दिया गया।

कुसुम के घरवालों का जी इस पर भी नहीं भरा। घर आकर उन लोगों ने अपना मुंडन कराया। घर में शोकसभा आयोजित की गई और उसके बाद मृत्यु भोज भी किया गया। इस दौरान सारे रिश्तेदारों और गांववालों को भोजन परोसा गया।

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