घर ढ़ूंढ़ने में मुश्किल हुई तो हरीश रावत बोले- लोग नेताओं को घर देने में डरते क्यों हैं ?

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घर ढ़ूंढ़ने में मुश्किल हुई तो हरीश रावत बोले- लोग नेताओं को घर देने में डरते क्यों हैं ?

मुख्यमंत्री रहते हुए बीजापुर गेस्ट हाउस में रहने वाले हरीश रावत सोमवार को अपने इस निवास को खाली कर देंगे। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि दोस्तों, मैं सोमवार के अपराह्न, 3 वर्ष 2 माह तक घर,


मुख्यमंत्री रहते हुए बीजापुर गेस्ट हाउस में रहने वाले हरीश रावत सोमवार को अपने इस निवास को खाली कर देंगे। अब ख़बरें एक क्लिक पर इस लिंक पर क्लिक कर Download करें Mobile App – उत्तराखंड पोस्ट

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि दोस्तों, मैं  सोमवार के अपराह्न, 3 वर्ष 2 माह तक घर, कार्यालय, मित्रों, दोस्तों व शुभचिन्तकों का एक ठिकाना रहा बीजापुर गेस्ट हाउस खाली कर रहा हॅू। मैं बीजापुर गेस्ट हाउस को धन्यवाद देना चाहता हॅू बहुत अच्छी और चुनौतीपूर्ण यादें अपने साथ लेकर के जा रहा हूं।

साथ ही हरीश रावत ने अपने लिए नया किराए का घर खोजने में आई दिक्कत को भी फेसबुक पर साझा किया है। रावत ने लिखा कि घर ढ़ूंढ़ने में सबको कठनाई आती है, मुझे भी आयी। मैंने उस कठनाई को लोगों के साथ इसलिये शेयर किया कि, लोग नेताओं को घर देने में डरते क्यों हैं ?  इस पर चर्चा हो कहीं तो कुछ खोट है।

रावत ने कहा कि इस पर मेरे ट्वीट पर दो-तीन दोस्तों ने जिनमें से दो को मैं जानता हॅू, वे भाजपा से जुड़े हैं, उन्होंने मुझ पर बहुत गुस्सा और नफरत निकाली है। मैं अपने दोस्त सेमवाल जी को कहना चाहता हॅू कि, मैं तो प्रतिदिन 3 या 4 बार लोगों से मिलता था और रात देर तक मिलता था। उनको मुझसे मिलने मैं कठिनाई हुई, मुझे क्षमा करें। मगर मुझे उस व्यक्ति का नाम जरूर बता दें, जिसने मुझसे मिलने के ऐवज में पैंसा मांगा था।

तो क्या हरीश रावत को देहरादून में किराए का घर भी देने को तैयार नहीं था कोई ?

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