क्यों नाराज हो गए भाजपा वालो, जरा बताओ तो सही: हरीश रावत
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी की स्पीच की तारीफ करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। हरीश रावत ने कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल जी ने जिस अंदाज में राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट की डील के भ्रष्टाचार को देश और
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट ब्यूरो) उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी की स्पीच की तारीफ करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
हरीश रावत ने कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल जी ने जिस अंदाज में राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट की डील के भ्रष्टाचार को देश और दुनिया के सामने रखा, जिसका कोई डिफेंस डिफेंस मिनिस्टर नहीं दे पाए, ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री Narendra Modi Ji के लिए भी बचाव खोजना कठिन हो रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री का भाषण लगातार 5:00 बजे, फिर 6:00 बजे, 7:00 बजे अब 9:00 बजे होगा। तो इसका अर्थ है प्रधानमंत्री जी के पास राहुल गांधी जी के प्रमाणित तर्कों की काट उपलब्ध नहीं हो पा रही है। संसद के इतिहास में इतना तथ्यपरक भाषण विपक्ष की ओर से बहुत कम बार आगे आये हैं।
हरीश रावत ने कहा कि राहुल जी को बहुत बधाई और प्रधानमंत्री जी आप लपेट में आ गए हैं, आज नहीं तो कल और कल नहीं तो लोकसभा के चुनाव में जनता आपसे राहुल गांधी जी द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब मांगेंगे। भाजपा के लोग क्यों बौखलाए हुए हैं! राहुल जी ने कहा कि हमको प्यार करना सिखाया आपने और उन्होंने कहा कि नफरत, गुस्सा, असहिष्णुता ये भारत की पहचान नहीं है, सनातन धर्म की पहचान नहीं है क्या इसीलिए भाजपा वाले नाराज हो गए! क्यों नाराज हो गए भाजपा वाले, जरा बताए तो सही।
हरीश ने आगे कहा कि इस बात से नाराज हो गए कि राहुल गांधी जी ने प्रधानमंत्री के पास जाकर जो संसदीय उच्चतम व्यवहार हो सकता है कि आप हमारे प्रतिद्वंदी हैं मगर व्यक्तिगत तौर पर हम आपका सम्मान करते हैं और मैं आपसे बड़े दिल से बड़े जवाब की उम्मीद करता हूँ। प्रधानमंत्री जी तत्काल भी जवाब नहीं दे पाए और हो सकता है उनके भाषण में भी कोई जवाब ना मिले। कुछ लोग जो इसको नाटकीयता कह रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या यह व्यवहार असंसदीय है, क्या हाव भाव जिसमें आंखों को ब्लिंक करना भी सम्मिलित है, क्या यह असंसदीय है! ऐसा लगता है कि कौन सी चीज संसदीय है, कौन असंसदीय है, इसका ठेका भी अब भाजपाइयों ने ले लिया है।
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