IAS अफसरों ने बताया कैसे आगे बढ़ेगा अपना उत्तराखंड, दिए ये अहम सुझाव
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) आईएएस वीक के अंतर्गत सोमवार को विश्वकर्मा भवन, सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक के द्वितीय सत्र में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने तकनीकी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए जिला प्रशासन स्तर पर विशेष ध्यान दिया
देहरादून (उत्तराखंड पोस्ट) आईएएस वीक के अंतर्गत सोमवार को विश्वकर्मा भवन, सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक के द्वितीय सत्र में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने तकनीकी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं में प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए जिला प्रशासन स्तर पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। रोजगारोन्मुख कोर्सेज को अधिक फोकस करने की जरूरत है। एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अन्तर्गत अन्य राज्यों से तकनीक और तकनीकी ज्ञान का आदान प्रदान किया जा सकता है। इससे दोनों राज्यों के छात्र लाभान्वित होंगे।
प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार ने आजीविका के लिए स्थानीय पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों का वेल्यू एडिशन करके बाज़ार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकताओं में है। पलायन प्रभावित क्षेत्रों और सीमांत क्षेत्रों में आजीविका के संसाधनों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन ने जिलाधिकारियों द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों का भी निरीक्षण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अपने संस्थानों में डिस्ट्रिक्ट स्पेसिफिक स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए, इसमें जिला प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली ने कहा कि उत्तराखण्ड में भी शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इसी के अनुरूप हमें भी तेजी से विकास करने कि आवश्यकता है। शहरी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सेल्फ एम्प्लॉयमेंट प्रोग्राम पर विशेष ध्यान देना होगा।
म्यूनिसिपल कमिश्नर देहरादून विनय शंकर पांडेय ने ज़ीरो वेस्ट मॉडल के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि यह भविष्य का वेस्ट मैनेजमेंट का अच्छा विकल्प हो सकता है। उन्होंने बताया कि देहरादून के लिए मैकेनाइज्ड क्लीनिंग सिस्टम विकसित कर रहे हैं। इसमें सफाई के लिए मशीनों का प्रयोग शुरू किया जा रहा है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि छोटे छोटे सेग्रीगेशन सैंटर विकसित किए जाएं।
सीडीओ पिथौरागढ़ सुश्री वंदना ने पिथौरागढ़ में आजीविका हेतु किए जा रही पहलों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों के विकास के लिए आय के स्रोतों को जानना होगा। क्षेत्र विशेष के अनुरूप योजनाएं बनानी होंगी। इसके साथ ही, मृत हो चुकी यूनिट्स को पुनर्जीवित करने पर बल देना होगा।
ज्ञातव्य है कि आईएएस वीक के अंतर्गत सोमवार को विश्वकर्मा भवन, सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक का तृतीय व चतुर्थ चरण जारी है।
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