PNB के नाम में नही होगा बदलाव, इन दो बैंकों के विलय का लिया गया फैसला

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PNB के नाम में नही होगा बदलाव, इन दो बैंकों के विलय का लिया गया फैसला

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का एक दूसरे में विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। साथ ही ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में विलय करने का फैसला किया गया। मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि


PNB के नाम में नही होगा बदलाव, इन दो बैंकों के विलय का लिया गया फैसला

नई दिल्ली (उत्तराखंड पोस्ट) बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का एक दूसरे में विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। साथ ही ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में विलय करने का फैसला किया गया। मंगलवार को पंजाब नेशनल बैंक ने कहा कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

सरकार ने PNB के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों ओरिएंटल बैंक आफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय का फैसला किया है। PNB की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब यूबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार विलय के बाद बनने वाले नये बैंक का नया नाम और लोगो घोषित कर सकती है। तीनों बैंकों का विलय एक अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ जायेगा। नया बैंक SBI के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा जिसका कुल व्यापार और आकार 18 लाख करोड़ रुपये का होगा।

पीएनबी में ओबीसी और यूनाइटेड बैंक के विलय के बाद इन बैंकों के ग्राहकों को कुछ कागजी काम करने होंगे। ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे।

PNB के नाम में नही होगा बदलाव, इन दो बैंकों के विलय का लिया गया फैसला

SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। नई चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड इशू हो सकता है. फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा। जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। कुछ शाखाएं बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है. मर्जर के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा।

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