ICJ में भारत की बड़ी जीत, पाकिस्‍तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी रोक

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ICJ में भारत की बड़ी जीत, पाकिस्‍तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी रोक

नई दिल्ली(उत्तराखंड पोस्ट) पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस(आईसीजे) ने अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें भारत की बड़ी जीत हुई है। आईसीजे ने कुलभूषण जाधव के पक्ष में फैसला देते हुए फांसी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण


ICJ में भारत की बड़ी जीत, पाकिस्‍तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी रोक

नई दिल्ली(उत्तराखंड पोस्ट) पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस(आईसीजे) ने अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें भारत की बड़ी जीत हुई है। आईसीजे ने कुलभूषण जाधव के पक्ष में फैसला देते हुए फांसी पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर पुनर्विचार करे। आईसीजे के शीर्ष न्यायाधीश ने जाधव मामले में भारत के आवेदन की स्वीकार्यता पर पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि भारत का आवेदन स्वीकार करने योग्य है।

पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट द्वारा 10 अप्रैल 2017 को कुलभूषण जाधव को सज़ा-ए-मौत सुनाए जाने के बाद भारत ने 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। आईसीजे के इस फैसले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं। वहीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भी कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं और ये भारत की बड़ी जीत है।इंटरनेशल कोर्ट ने 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला आया। इसके साथ ही भारत को कॉन्सुलर एक्सेस भी मिलेगा। भारत की तरफ से इसकी मांग की गई थी।ICJ में भारत की बड़ी जीत, पाकिस्‍तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी रोक

पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट द्वारा 10 अप्रैल 2017 को कुलभूषण जाधव को सज़ा-ए-मौत सुनाए जाने के बाद भारत ने 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने भारत की अंतिरम राहत अपील के हक में फैसला देते हुए पाकिस्तान को इस मामले में आईसीजे का निर्णय आने तक अदालत कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया था।

इसके बाद बीते दोन सालों में भारत और पाकिस्तान को पहले लिखित और फिर मौखिक रूप से अपना-अपना पक्ष रखने का मौका दिया।मामले पर अंतिम सुनवाई फरवरी 2019 में हुई थी जब दोनों देशों के वकीलों ने दलीलें रखी थी। भारत का पक्ष पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने रखा था। पाकिस्तान की तरफ से चौधरी खावर कुरैशी अदालत के सामने पेश हुए थे।

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