#Uttarakhand के पांचवे धाम के रूप में विकसित होगा जागेश्वर: CM

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#Uttarakhand के पांचवे धाम के रूप में विकसित होगा जागेश्वर: CM

जागेश्वर में तीन दिवसीय अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि ‘योग कर्मशु कौशलम्’ की अवधारणा को अपनाने के लिये हमे उसे प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने कहा कि योग से कर्मो में कुशलता आती है। योग के शास्त्रीय स्वरूप उसके दार्शनिक आधार को


जागेश्वर में तीन दिवसीय अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिरकत की। इस दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि ‘योग कर्मशु कौशलम्’ की अवधारणा को अपनाने के लिये हमे उसे प्राथमिकता देनी होगी।

उन्होंने कहा कि योग से कर्मो में कुशलता आती है। योग के शास्त्रीय स्वरूप उसके दार्शनिक आधार को सम्यक रूप से समझना बहुत सरल नहीं है। योग अनेक प्रकार से जाने जाते है जिनमें लय योग, कुण्डली योग, राज योग, ज्ञान योग, कर्म योग, हठ योग, मन्त्र योग आदि है। भारतीय दर्शन में षड दर्शनों में एक का नाम योग है।

रावत ने कहा कि योग के आठ अंग होते है जिनमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रतिहार, धारणा, ध्यान, समाधि है इसी तरह योग के अन्य स्वरूप कर्मयोग, भक्ति योग, ज्ञान योग है। बौद्व धर्म, जैन धर्म सहित भारत में अनेक धर्मालम्बियों द्वारा योग को अपनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अपनी व्यस्ततम जीवन शैली के कारण लोग संतोष पाने के लिए योग करते है। योग से न केवल व्यक्तिगत तनाव दूर होता है बल्कि मन व मस्तिक को शान्ति मिलती है। योग का लक्ष्य स्वास्थ्य में सुधार से लेकर मोक्ष प्राप्त करना है। हमारे धर्मग्रथों में यथा योगसूत्र, योग भाष्य ,योगवर्तिका आदि ग्रन्थों में योग के बारे में विस्तृत रूप से लिखा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है यहां पर पुरातन काल से ही योग विद्या को महत्व दिया गया है और राज्य गठन के बाद अब शासन ने इसे प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक पाठयक्रम के रूप में लागू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्ष आयोजित अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के बाद इसकी और भी महत्ता बढ़ गयी है और इस तरह के आयोजन होने से जहां एक ओर बाहरी देशो के अनेक लोग यहां आकर योग साधना के लिए आ रहे है वहीं दूसरी ओर इससे आर्थिक मजबूती भी मिल रही है और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के अथक प्रयासों से यह योग महोत्सव सम्पन्न कराया जाना सम्भव हुआ है जिसमें कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम व पर्यटन विकास परिषद् देहरादून द्वारा विशेष रूचि लिये जाने से यह कार्य सफल हो पाया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जागेश्वर धाम के समीप हरित शवदाह गृह का भी शुभारम्भ करते हुए कहा कि इससे जहां एक ओर पर्यावरण शुद्ध रहेगा वहीं दूसरी ओर इस शवदाह गृह के बन जाने से लकड़ी की खपत कम होगी। इस योग महोत्सव में बाहरी देशों के आये लोगों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि आने जाने में अधिक कठिनाई न हो इसके लिए हवाई सेवा की सुविधा देने के साथ ही अन्य सुविधा जो सम्भव हो सके उसे दिलाये जाने का प्रयास किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के उददेश्य से जागेश्वर को पाचवें धाम के रूप में विकसित करने के साथ ही इस क्षेत्र को अन्य सुविधाओं से विकसित करने के लिए ठोस योजना बनायी जा रही है ताकि शीघ्र ही यह क्षेत्र विश्व के मानचित्र में अपना अलग स्थान बना सके। इसके साथ ही शासन द्वारा पर्यटको की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो उसके लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जागेश्वर क्षेत्र के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। जागेश्वर के साथ ही झांकर सैम, वृद्व जागेश्वर सहित अन्य धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित किया जायेगा।

उन्होंने इस अवसर पर जटागगां में आरती घाट के निर्माण हेतु तुरन्त आगणन भेजने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये साथ ही कहा कि गगां आरती हेतु एक वार्षिक कलैण्डर भी तैयार कर लिया जाय ताकि बाहर से आने वाले श्रद्वालुओं को इसकी जानकारी मिल सके। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से इस आरती में अधिकाधिक सम्मलित होने की बात कही साथ ही कहा कि अभी इसकी शुरूआत प्रत्येक माह के एक सोमवार से किया जाय।

इसके अलावा उन्होंने जिलाधिकारी से कहा  कि जटागगां में जितनी भी सहायक नदियां मिलती है उके स्रोत पर कम से कम 100 पोखर बनाये जाय उनमें पानी रोका जाय ताकि गर्मियों में भी गंगा आरती के समय यह पानी मिल सके। उन्होंने कहा जटागगां में झील बनाने की मंशा थी लेकिन पुरातत्व विभाग की आपत्ति होने पर इसमें कठिनाई आ रही है फिर भी इसके लिए कोशिश की जायेगी। उन्होंने जिलाधिकारी से कहा कि यहां पर एक हर्बल गार्डन की स्थापना की जाय साथ ही स्थानीय लोगो से कहा कि होमस्टे योजना अन्तर्गत अपने मकानों को बनाकर उनमें पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन बनाकर उपलब्ध कराये ताकि लोग उसका आनन्द ले सकें।

मुख्यमंत्री ने शिवा सर्किट और कैब सर्किट, विवेकानन्द सर्किट, सिद्व पुरूषों से सम्बन्धित सर्किट को विकसित किया जा रहा है जिसमें सभी शिवालयों को पाताल भुवनेश्वर, छोटा कैलाश के अलावा बाबा नीम करौली, सोमवारी बाबा, हैड़ाखान बाबा जिन स्थानों पर रहे है उन क्षेत्रों को विकसित करने के साथ ही भवाली से खैरना तक की रोड का नाम बाबा नीम करौली एवं खैरना से अल्मोड़ा तक की सड़क का नाम विवेकानन्द सड़क के नाम से रखने की बात कही।

इस अवसर पर उन्होंने आरतोला से जागेश्वर तक की सड़क के चौड़ीकरण करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी 2020 तक उत्तराखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर कश्मीर की बराबरी कर लेगा ऐसा हमे विश्वास है।

उन्होंने जागेश्वर में धर्मशालाओं के निर्माण हेतु भी आगणन तैयार करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष ट्रैकर वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है आगामी 09 अक्टूबर को 84 ट्रेकर्स केदारनाथ के भ्रमण पर जायेंगे जिसकी शुरूआत की जायेगी। इसके बाद मुख्यमंत्री सालिड बैस्ट शौचालय के निरीक्षण के साथ ही घाट जहां पर बनाया जाना है उसका निरीक्षण एवं हरित शवदाह गृह जहां पर बनाया जायेगा उस स्थल का निरीक्षण किया और उसके बाद मन्दिर में पूजा-अर्चना की।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मन्दिर के आसपास के क्षेत्र की घेरबाड़ी कर जितने भी देवदार के वृक्ष है उन्हें देवदार वृक्ष घोषित किया जाय ताकि यहां की सुन्दरता बनी रहे। उन्होंने स्थानीय विद्यालयों में योग शिक्षा को जल्दी लागू करने की बात कही ताकि योग गाईड बन सके।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है निःसन्देह आगामी वर्षो में इसके परिणाम सार्थक होंगे और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि जागेश्वर के युवाओं हेतु यहां पर एक कम्प्यूटर सेन्टर की स्थापना के साथ ही यहां पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा और यहां पर मन्दिर पुजारियों के बच्चों कर्मकाण्ड आदि की शिक्षा दिलाये जाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हरित शवदाह गृह का निर्माण परमार्थ निकेतन द्वारा किया जायेगा।

साध्वी भगवती ने इस अवसर पर योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग के लिए जागेश्वर के अलावा अन्य कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर इतनी शान्ति हो। इस अवसर पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने योग के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और कहा कि योग हमें शारिरिक की नहीं बल्कि मानसिक रूप से सबल बनता है और इससे आत्म संतुष्टि मिलती है। ब्लाॅक प्रमुख पीताम्बर पाण्डे ने कहा कि जागेश्वर धाम को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए मा0 मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पार्वती मेहरा, विधायक मनोज तिवारी, सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष ए0के0 सिकन्दर पवार, पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी,  डी0आई0जी0 कुमाऊॅ अजय रौतेला, एसएस0पी0 दलीप सिंह कुंवर, एस0डी0एम0 एन0एस0 नगन्याल, रजा अब्बास, डी0डी0ओ0 मोहम्मद असलम, के0एम0वी0एन0 के महाप्रबन्धक टी0एस0 मर्तोलिया, डी0के0 शर्मा, पर्यटक विकास परिषद के विवेक चैहान, उप निदेशक पर्यटन जे0सी0 बेरी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा, दिनेश कुंजवाल, कौपरेटिव बैंक के अध्यक्ष प्रशान्त भैसोड़ा, उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग राजेन्द्र बाराकोटी, रेणुका रावत, केवल सती, हेमन्त बगड़वाल, पूरन रावत, तारा चन्द्र जोशी, हरिमोहन भटट, प्रकाश भटट, गिरीश भटट, हरीश बनौला सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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