#JatReservation | मिल भी गया तो क्या करोगे ऐसे आरक्षण का ?

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#JatReservation | मिल भी गया तो क्या करोगे ऐसे आरक्षण का ?

पंपोर में 5 वीर जवानों ने भारत मां के लिए लड़ते हुए शहादत दे दी, इनमें से आर्मी के एक कैप्टन पवन कुमार हरियाणा के जींद से भी थे, वही हरियाणा जो जाट आंदोलन के लिए सुर्खियों में है। हरियाणा के एक सपूत ने अपनों के लिए जान कुर्बान कर दी और एक आरक्षण की


#JatReservation | मिल भी गया तो क्या करोगे ऐसे आरक्षण का ?

#JatReservation | मिल भी गया तो क्या करोगे ऐसे आरक्षण का ?पंपोर में 5 वीर जवानों ने भारत मां के लिए लड़ते हुए शहादत दे दी, इनमें से आर्मी के एक कैप्टन पवन कुमार हरियाणा के जींद से भी थे, वही हरियाणा जो जाट आंदोलन के लिए सुर्खियों में है। हरियाणा के एक सपूत ने अपनों के लिए जान कुर्बान कर दी और एक आरक्षण की मांग कर रहे वो जाट हैं, जो अपनों के खून प्यासे बने हुए हैं। कह रहे हैं आरक्षण हमारा हक है, अच्छी बात है, अपने हक के लिए लड़ना, लेकिन इसके लिए अपनों का ही घर जलाना, ये कैसी हक की लड़ाई है ?

शहीद कैप्टन पवन का आखिरी फेसबुक पोस्ट भी तो पढ़ लेते, वो भी तो आपके हरियाणा का ही है। पवन लिखते हैं- किसी को आरक्षण चाहिए, तो किसी को आजादी भाई। हमें कुछ नहीं चाहिए भाई, बस अपनी रजाई।’ कैप्टन पवन तो आपके लिए लड़ते हुए तिरंगा लपेट पर अंतिम यात्रा पर चले गए लेकिन आपने क्या किया भाई ? अपनों के घर, दुकान, गाड़ी फूंक दी। जिस देश के लिए कैप्टन पवन ने जान न्यौछावर कर दी, उस देश का आपने क्या हाल किया, उनके राज्य हरियाणा का आपने क्या हाल किया ? घर, बाजार, गाड़ी, बैंक, स्कूल, पेट्रोल पंप सब जलाकर खाक कर दिया।

#JatReservation | मिल भी गया तो क्या करोगे ऐसे आरक्षण का ?कैप्टन पवन जैसे वीर जवान सीमा पर देश के दुश्मनों से अपनों की रक्षा करते रहे लेकिन ठीक उसी वक्त घर के अंदर बैठे लोग घर में आग लगा रहे थे। हरियाणा के रोहतक समेत कई शहरों का नजारा श्माशान की तरह नज़र आ रहा है।

सरकार के निर्देश पर पुलिस भी चुपचाप सब देखती रही, शहर जल रहा था, सब मूकदर्शक बने हुए थे। जिन लोगों को आज तक राजनीति नहीं समझ में आती होगी, अब तो वे लोग भी समझ गए होंगे कि राजनीति क्या होती है ?

#JatReservation | मिल भी गया तो क्या करोगे ऐसे आरक्षण का ?क्या सिर्फ आवेश में आकर लोगों के समूह ने इन घटनाओं को अंजाम दिया ? मेरा जवाब ना में है।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इसके पीछे हैं कौन ? क्या वही लोग जिनका सपना हर हाल में सत्ता पाना है ?

क्या वही हरियाणा सरकार भी उतनी ही जिम्मेदार नहीं है, जिसे ये सब कुछ होने दिया ?

क्या केन्द्र सरकार में बैठे लोग, जो तब तक नहीं चेते, जब तक हरियाणा जलकर खाक नहीं हो गया ? जाहिर है अपनी – अपनी जिम्मेदारी से कोई पल्ला नहीं झाड़ सकता ? लेकिन अफसोस तो इस बात का है कि हम कर भी क्या सकते हैं ?

मन बेहद खिन्न है, लेकिन अब क्या हो सकता है ? क्या इन पर राजद्रोह का मुकदमा नहीं दर्ज होना चाहिए ? ये राजद्रोह नहीं था तो और क्या था ? हरियाणा के हजारों लोगों की जिंदगी उजाड़ने का इनको किसने अधिकार दिया ? जी हां, वही हजारों लोग जिनका सब कुछ तबाह हो गया है ।

एक तरफ शहीद कैप्टन पवन कुमार, शहीद कैप्टन तुषाम महाजन और सभी शहीद जवानों के लिए दिल रो रहा है। दूसरी तरफ हरियाण में तबाही के इस मंजर को देखकर गुस्से का ज्वालामुखी मानो अब फट पड़ेगा, हरियाणा को जलाने वालों के लिए लिखने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं।

मेरा हरियाणा से कोई ताल्लुक नहीं है, लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि आरक्षण के लिए हरियाणा को श्मसान में तब्दील करने वालों, एक बार हरियाणा के जींद के ही शहीद कैप्टन पवन कुमार के परिजनों का हाल जान लेना, एक बार उनकी हालत पर गौर कर लेना जिनका सब कुछ इस आरक्षण की आग की भेंट चढ़ गया। अपने घर को उजाड़कर आपको आरक्षण मिल भी जाएगा तो क्या करेंगे उस आरक्षण का ?

Tiwari Deepak

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