गोलू देव | न्याय के देवता के दरबार में हर अर्जी होती है पूरी

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गोलू देव | न्याय के देवता के दरबार में हर अर्जी होती है पूरी

गोलू देवता उत्तराखंड के न्याय के देवता हैं। इस मंदिर की कुमाऊं में न्याय देवता के मंदिर के रूप में मान्यता है। जिसे कहीं कोई न्याय नहीं मिलता और जो नाउम्मीद हो चुका होता है, न्यायालय से, विभागों से, सरकारी तंत्र से वह यहां आकर न्याय की गुहार करता है। आपको जानकर हैरानी होगी पर


गोलू देवता उत्तराखंड के न्याय के देवता हैं। इस मंदिर की कुमाऊं में न्याय देवता के मंदिर के रूप में मान्यता है। जिसे कहीं कोई न्याय नहीं मिलता और जो नाउम्मीद हो चुका होता है, न्यायालय से, विभागों से, सरकारी तंत्र से वह यहां आकर न्याय की गुहार करता है। आपको जानकर हैरानी होगी पर ये सच है कि ये एक ऐसे देवता हैं जिनके यहां एक क़िस्म का पूरा कार्यालय चल रहा है- दरख़्वास्त, अर्ज़ी, स्टैम्प पेपर वगैरह-वगैरह। आम लोग ही नहीं बड़े-बड़े नेता और अभिनेता भी अनी फरियाद लेकर गोलू देवता की शरण में आते हैं।

लोग मंदिर में आकर 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखित में अपनी-अपनी अपील करते हैं और जब उनकी अपील पर सुनवाई हो जाती है तो वे फीस के तौर पर यहां आकर घंटियां तथा घंटे बांधते हैं। गोलू देवता के प्रति लोगों की आस्था मंदिर में बंधीं ये घंटियां ही बयां करती हैं। कई टनों में मंदिर के हर कोने-कोने में दिखने वाले इन घंटे-घंटियों की संख्या कितनी है, ये आज तक मन्दिर के लोग भी नहीं जान पाए। आम लोगों में इसे घंटियों वाला मन्दिर भी पुकारा जाता है, जहां कदम रखते ही घंटियों की कतार शुरू हो जाती हैं।

तो अगर आप भी हताश और निराश हैं तो चिंता छोड़ कर एक बार गोलू देवता के मंदिर में अपनी अर्जी लगा आइए।

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