9 बागी विधायकों की अर्जी खारिज, कल फ्लोर टेस्ट में नहीं हो पाएंगे शामिल

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9 बागी विधायकों की अर्जी खारिज, कल फ्लोर टेस्ट में नहीं हो पाएंगे शामिल

नैनीताल हाईकोर्ट से कांग्रेस के बागी विधायकों को करारा झटका लगा है तो 10 मई को शक्ति परीक्षण की तैयारी कर रहे हरीश रावत और कांग्रेस के लिए बड़ी राहत मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट ने बागी विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष के उनकी सदस्यता समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर


9 बागी विधायकों की अर्जी खारिज, कल फ्लोर टेस्ट में नहीं हो पाएंगे शामिल

9 बागी विधायकों की अर्जी खारिज, कल फ्लोर टेस्ट में नहीं हो पाएंगे शामिलनैनीताल हाईकोर्ट से कांग्रेस के बागी विधायकों को करारा झटका लगा है तो 10 मई को शक्ति परीक्षण की तैयारी कर रहे हरीश रावत और कांग्रेस के लिए बड़ी राहत मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट ने बागी विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष के उनकी सदस्यता समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद अब बागी विधायक 10 मई को उत्तराखंड विधानसभा में होने वाली शक्ति परीक्षण में वोट नहीं कर पाएंगे। हालांकि बागियों के पास हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प खुला है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बागी विधायकों को दल बदल निरोधी कानून के तहत नोटिस जारी किया था और उनके जवाब से संतुष्ट ना होने पर इनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी थी, जिसे बागियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

अब क्या होगा ?

बागी विधायकों को हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में 61 सदस्यों के आधार पर वोटिंग होगी, जिससे बहुमत का आंकड़ा 32 हो जाएगा। इस वक्त कांग्रेस के 27 विधायक हैं और बीजेपी के पास 28 विधायक, जबकि 6 विधायक पीडीएफ (3 निर्दलीय, 2 बसपा, 1 यूकेडी) के हैं। जिन पर सारा दारोमदार है। अभी तक की स्थिति के हिसाब से देखें तो पीडीएफ ऐलान कर चुका है कि वो हरीश रावत के साथ है। वहीं बीजेपी के एक विधायक भीमलाल आर्य भी हरीश रावत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। एक दिन में कुछ बहुत बड़ी राजनीतिक ऊठापटक नहीं हुई तो इस स्थिति में कांग्रेस के 27 और पीडीएफ के 6 विधायक मिलाकर ये संख्या 33 हो जाती है, जो बहुमत (32) के आंकड़े से ज्यादा है। मतलब इस स्थिति में हरीश रावत आसानी से विश्वास मत हासिल कर सकते हैं।

इन नौ बागी विधायकों को लगा झटका

विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, प्रदीप बतरा, प्रणव सिंह, शैला रानी रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, सुबोध उनियाल और उमेश शर्मा

10 मई को होना है फ्लोर टेस्ट
इससे पहले शुक्रवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने प्रदेश में फ्लोर टेस्ट पर सहमति दे दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने उत्तराखंड मे फ्लोर टेस्ट के लिए 10 मई की तारीख तय की है। एटॉर्नी जनरल ने मुकुल रोहतगी ने कहा कि केंद्र सरकार अदालत के सुझावों के तहत राज्य में फ्लोर टेस्ट के लिये तैयार है। केंद्र ने अदालत से एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा जो रिटायर्ड मुख्य चुनाव आयुक्त हो। एटॉर्नी जनरल ने कहा कि फ्लोर टेस्ट कराए जाने के मामले में एक दो दिनों के अंतर तौर तरीकों पर फैसला कर लिया जाएगा।

बागी विधायकों को वोटिंग की इजाजत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हरीश रावत को पहले शक्ति परीक्षण को मौका मिलेगा। 9 बागी विधायकों को वोटिंग की इजाजत नहीं होगी। कांग्रेस के नौ अयोग्य विधायक विश्वास प्रस्ताव में मतदान नहीं कर सकते। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए पूर्व-सीईसी अथवा पूर्व न्यायाधीश को पर्यवेक्षक बनाये जाने की बात कही। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण 10 मई को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक होंगे। इस दिन उत्तसराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।

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