जल विद्युत उत्पादन के लिए हो कारगर व स्पष्ट नीति : निशंक

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जल विद्युत उत्पादन के लिए हो कारगर व स्पष्ट नीति : निशंक

पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार से भाजपा सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को लोकसभा में समूचे हिमालयी क्षेत्र में सर्वेक्षण करवाकर विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए स्थान चिह्नित किए जाने की मांग की। निशंक ने कहा कि स्थानीय लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी इन परियोजनाओं में सहभागिता सुनिश्चित की जाए। लोकसभा में पूरे


पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार से भाजपा सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को लोकसभा में समूचे हिमालयी क्षेत्र में सर्वेक्षण करवाकर विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए स्थान चिह्नित किए जाने की मांग की। निशंक ने कहा कि स्थानीय लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी इन परियोजनाओं में सहभागिता सुनिश्चित की जाए।

लोकसभा में पूरे देश में जल विद्युत परियोजनाओं का ब्यौरा मांगते हुए डा. निशंक ने कहा देश में जल विद्युत उत्पादन के लिए कारगर व स्पष्ट नीति होनी चाहिए। निशंक ने गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्री से सवाल किया कि देश में कितनी विद्युत क्षमता का आकलन किया गया है। निर्माणाधीन योजनाओं का ब्यौरा मांगते हुए उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजीटल इंडिया, स्किल इंडिया तभी सफल हो सकते हैं, जब देश में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध हो। नई जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में डा. निशंक ने कहा कि प्रदूषण व मौसम परिवर्तन से निबटने के लिए जल विद्युत ऊर्जा उत्पादित करने का महत्वपूर्ण जरिया है।

देश में 45 जल विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन

अपने जवाब में विभागीय मंत्री ने बताया कि देश में 45 जल विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देशभर में 13,502 मेगावाट की समग्र क्षमता की योजनाएं निर्माणाधीन हैं। 15 जल विद्युत परियोजनाएं वित्तीय बाधाओं, अंतरराष्ट्रीय विवाद, न्यायालय, पर्यावरणीय मुद्दे जैसे अलग-अलग कारणों से प्रभावित हैं। परिणामस्वरूप 19,217 मिलियन यूनिट तक की संभावित हानि हुई है।

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